BILASPUR NEWS. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में एसईसीएल ने अपील करते हुए हाईकोर्ट के सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने एसईसीएल के अपील को खारिज कर दिया है और डिवीजन बेंच ने फैसले को सही बताते हुए मृत व्यक्ति के दूसरी पत्नी के संतान को अनुकंपा नियुक्ति देने का आदेश दिया है। सिंगल बेंच ने फैसले में कहा था कि कर्मचारी का संतान विक्रांत भले ही नाजायज पुत्र हो। उसे भी अनुकंपा नियुक्ति का अधिकार है।
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बता दें, महाप्रबंधक साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) जिला बिलासपुर छत्तीसगढ़ वं महाप्रबंधक केन्द्रीय भंडार, कोरबा जिला छत्तीसगढ़ ने अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती देते हुए अपील की थी। अपील में याचिकाकर्ताओं ने सिंगल बेंच के फैसले को रद करने की मांग की थी।
याचिका में बताया गया कि मृतक मुनीराम कुर्रे की दो पत्नियां थी। पहली पत्नी विमला कुर्रे की 4 बेटियां और 1 बेटा था। वहीं दूसरी पत्नी सुशीला कुर्रे की एक बेटी और एक बेटा था। विक्रांत कुमार लाल ने दूसरी पत्नी सुशीला कुर्रे और एसईसीएल को मामले में पक्ष बनाए बिना उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्राप्त किया। परिणामस्वरूप सुशीला कुर्रे और एसईसीएल को सुनवाई का अवसर दिए बिना उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया।
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इसके अलावा विक्रांत कुमार ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने में विफल रहा जो आश्रित रोजगार की प्रक्रिया के लिए मानक संचालन प्रक्रिया के तहत अनिवार्य है। इन तथ्यों के बावजूद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के सिंगल बेंच ने आदेश की प्राप्ति की तारीख से 45 दिनों के अंदर आश्रित रोजगार के लिए आवेदन एसईसीएल के कार्यालय में उपलब्ध निर्धारित प्रपत्र भरकर विक्रांत कुमार द्वारा पूरा किया जाना चाहिए, जो नहीं किया गया है। इस अपील याचिका में एसईसीएल ने फैसले को निरस्त करने की मांग की थी। विक्रांत कुमार के अधिवक्ता ने डिवीजन बेंच को बताया कि सिंगल बेंच के सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद याचिकाकर्ता विक्रांत कुमार के रिट याचिका को सही रूप से अनुमति दी है। इसमें किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।
हाईकोर्ट ने नहीं बदला फैसला
एसईसीएल ने अपनी याचिका में कोर्ट को बताया कि विक्रांत कुमार मृतक की दूसरी पत्नी का नाजायज बेटा है क्योंकि वह मुनीराम कुर्रे की दूसरी पत्नी विमला कुर्रे से दूसरी शादी से पैदा हुआ था इसलिए अनुकंपा नियुक्त का हकदार नहीं। लेकिन हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए सिंगल बेंच के फैसले को यथावत रखते हुए एसईसीएल की अपील को खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि सिंगल बेंच ने कोई अवैधता, अनियमितता या क्षेत्राधिकार संबंधी त्रुटि नहीं की है। जिसके लिए इस कोर्ट को हस्तक्षेप करना चाहिए। कोर्ट ने एसईसीएल को निर्देशित करते हुए सिंगल बैंच के फैसले के मुताबिक विक्रात कुमार को अनुकंपा नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी करने कहा।