TEL AVIV NEWS. आतंकवादी हिजबुल्ला नेताओं की हत्या के बाद खामोश बैठे ईरान ने इजराइल पर बड़ा हमला बोला। ईरान ने 1 अक्टूबर की रात इजराइल पर 200 से अधिक बैलेस्टिक मिसाइलें दागीं। इजराइली सेना के प्रवक्ता ने कहा कि एयर डिफेंस ने अधिकतर मिसाइलों को नाकाम कर दिया। हालांकि दावा है कि कई मिसाइलें आयरन डोम के बावजूद मध्य और दक्षिणी इजराइल में गिरीं। हमले में एक व्यक्ति की मौत हुई है। ईरान के रिवॉल्यूशनी गार्ड्स ने कहा कि हमला हिजबुल्ला नेता हसन नसरल्ला, हमास के अन्य की हत्या का बदला है। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजराइल को मदद, ईरानी मिसाइलों का जवाब देने के निर्देश दिए हैं।
इस हमले के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा है कि ईरान को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। यही नहीं, अमेरिका ने इजरायल का साथ देने की बात कही है। वहीं दुनिया के कई देश ईरान के इस हमले के खिलाफ बोल रहे हैं। उन सबको देखकर कहा जा सकता है कि आने वाला समय काफी तनावपूर्ण रह सकता है। बता दें कि इससे पहले मंगलवार शाम तेल अवीव के जाफा में 2 आतंकियों ने रेलवे स्टेशन पर हमला बोला। ट्रेन से आए आतंकियों ने स्टेशन पर फायरिंग की। इसमें 4 लोगों की मौत हो गई। इजराइल ने कहा कि आतंकियों को मार गिराया गया है।
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हमले के बाद अमेरिकी बाजार में गिरावट का रुख रहा। डाउ जोंस 0.8%, एसएंडपी 500 – 1.30% और नास्डैक कंपोजिट 2.1% गिरे। वहीं सुस्त चल रहे कच्चे तेल के दामों में तेजी लौटी। कच्चे तेल के दाम 3% चढ़कर 73.71 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गए। डॉलर इंडेक्स भी 0.50% चढ़कर 101.25 पर चला गया।
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जानकार कहते हैं अगर इजरायल ईरान पर हमला करता है और युद्ध छिड़ता है तो इसमें कई और देश शामिल हो सकते हैं। अमेरिका इजरायल के साथ उतर सकता है, वहीं कुछ मुस्लिम देश ईरान के समर्थन में उतर सकते हैं। अमेरिका के उतरने के बाद ब्रिटेन और फ्रांस भी इस युद्ध में इजरायल का साथ दे सकता है। ऐसे में इजरायल ईरान पर भारी पड़ सकता है।