DANTEWADA. दंतेवाड़ा से एक बार फिर ग्रामीणों के पलायन की तस्वीर सामने आई है। लगभग तीस से पैंतीस ग्रामीण रोजगार की तलाश में तेलंगाना राज्य के लिए पलायन कर रहे थे। इस बात की खबर जब प्रशासन को दी गई तो एसडीएम ने मौके पर पहुंचकर पलायन करने से ग्रामीणों को रोका। एसडीएम ने ग्रामीणों को समझाईश दी कि उन्हें गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा।
आपको बता दें कि इससे पहले भी कुआकोंडा इलाके से ही बडी संख्या में ग्रामीणों ने पलायन किया था। इधर बार बार ऐसी तस्वीरे सामने आने के बाद इसे रोकने प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस दिशा में कोई पहल नहीं कर रहे हैं। पलायन करने वालों में दो नाबालिग भी शामिल थे। इनके माता पिता इनके साथ नहीं थे। एसडीएम ने दोनों नाबालिगों को चाइल्ड लाईन के सुपुर्द कर दिया है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में धान कटाई समाप्त होने के बाद एक बार फिर से हजारों की संख्या में ग्रामीणों के पलायन का दौर शुरू हो गया है। काम की तलाश में बड़ी संख्या में बस्तर संभाग के सैकड़ों ग्रामीण तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु राज्यों की ओर पलायन कर रहे हैं। पलायन करने वालों में महिला, पुरुष और बड़ी संख्या में युवा भी शामिल रहते हैं।
इस मामले को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष हमेशा एक दूसरे पर आरोप मढ़ता रहा है। सरकारें स्थानीय स्तर पर इन ग्रामीण युवाओं को रोजगार देने में नाकामयाब रही हैं। शासन प्रशासन भी बस्तर से पलायन रोक पाने में विफल साबित हो रहा है। यही वजह है कि बस्तर संभाग के अंदरूनी इलाकों में पूरे गांव के गांव रोजी-रोटी और परिवार के पालन पोषण के लिए घर के पूरे सामान के साथ दूसरे राज्यों की ओर पलायन कर जाते हैं। इतनी बड़ी संख्या में ग्रामीणों के पलायन से मानव तस्कर भी पूरी तरह से सक्रिय हो जाते है। हर साल पलायन के दौरान बस्तर के कई ग्रामीण लापता हो जाते हैं, यही नहीं कई महिलाएं भी मानव तस्करी का शिकार होती हैं। बावजूद इसके पलायन रुक नहीं रहा है।