BILASPUR. संविदा के पद पर कार्यरत चिकित्सक को राज्य शासन द्वारा नोडल अधिकारी राष्ट्रीय अंधत्व नियंत्रण कार्यक्रम जिला धमतरी का अतिरिक्त प्रभार देने के खिलाफ दायर याचिका पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के सिंगल बेंच में जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल ने सुनवाई की। कोर्ट ने संचालक स्वास्थ्य सेवाएं को नोटिस जारी कर निर्देश किया है कि याचिकाकर्ता के लंबित अभ्यावेदन का निराकरण करने का निर्देश दिया है।
बता दें, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में डॉक्टर राजेश सूर्यवंशी ने अधिवक्ता मतीन सिद्धीकी और नरेन्द्र मेहर के माध्यम से याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि डॉक्टर राजेश सूर्यवंशी की नियुक्ति वर्ष 2011 में मेडिकल अफसर के पद पर हुई थी। वर्ष 2016 से नेत्र विशेषज्ञ के पद पर कार्य करते आ रहे थे।
जिला चिकित्सालय धमतरी में डॉक्टर जेके खालसा नेत्र विशेषज्ञ तथा नोडल अधिकारी राष्ट्रीय अंधत्व नियंत्रण कार्यक्रम के पद से 20 अप्रैल 2023 को रिटायर हो गए। रिटायमेंट के बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला धमतरी द्वारा नौ मई 2023 को जिले में राष्ट्रीय अंधत्व एवं अल्प दृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम में सुचारू संचालन के लिए नोडल अधिकारी का कार्यभार आगामी आदेश तक डॉक्टर राजेश सूर्यवंशी को दिया गया थ।
छह अक्टूबर 2023 को अवर सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ सिविल सेवा संविदा नियुक्ति नियम 2012 के तहत डॉ.जेस खालसा सेवानिवृत्त नेत्र रोग विशेषज्ञ को उनके द्वारा कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से एक वर्ष की अवधि तक के लिए नेत्र रोग विशेषज्ञ के पद पर संविदा नियुक्ति प्रदान करते हुए उन्हें जिला चिकित्सालय धमतरी में पदस्थ कर नोडल अधिकारी राष्ट्रीय अंधत्व नियंत्रण कार्यक्रम जिला धमतरी का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया है।
संविदा को नोडल प्रभार देना गलत
हाईकोर्ट में सिंगल बेंच में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने पैरवी करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता वर्ष 2016 से नियमित पद पर नेत्र रोग विषेशज्ञ के पद पर कार्य करते आ रहे है किंतु नोडल का प्रभार संविदा पर नियुक्त कर्मचारियों को देना सरासर गलत है। याचिकाक र्ता पहले भी उसे पद पर कार्य कर चुका है तथा वित विभाग छत्तीसगढ़ शासन के निर्देश के तहत स्पष्ट किया गया है कि कार्यालय प्रमुख तथा आहरण एवं संवितरण अधिकारी का दायित्व किसी नियमित शासकीय अधिकारी को ही सौंपा जा सकता है। उक्त अधिकार संविदा तदर्थ दैनिक वेतन पर नियुक्त अधिकारियों को सौंपा जा सकता के निर्देश है। हाईकोर्ट ने संचालक स्वास्थ्य सेवाएं को नोटिस जारी करने का निर्देश किया है।