RAIPUR. अब सोशल मीडिया से ठगी… फर्जी विज्ञापन देकर नौकरी के नाम पर 70 युवाओं को झांसा, ऐसे खुला मामला तब पकड़ा गया बिहार का ठग छत्तीसगढ़ में तरह-तरह से ठगी करने का मामला बढ़ता ही जा रहा है। हालांकि पुलिस कार्रवाई करती है, मगर तब तक लोग ठगे जा चुके हैं। एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें एक स्टील कंपनी में नियुक्ति करने के लिए सोशल मीडिया पर फर्जी विज्ञापन जारी कर दिया गया। दरअसल, ठग ने भर्ती का झांसा देकर ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित करवाया। इसमें 70 से अधिक बेरोजगार युवाओं ने आवेदन फीस के तौर पर सात सौ 50 रुपए जमा भी कर दिए। इसके बाद ठग ने सोशल मीडिया से विज्ञापन हटा दिया। लोग नौकरी के लिए कंपनी पहुंचे। वहां विज्ञापन के संबंध में जानकारी प्राप्त की, तब फर्जीवाड़ा सामने आया। इसकी पुलिस में शिकायत की गई है। साइबर सेल की जांच के बाद पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया। मिली जानकारी के अनुसार यह ठग बिहार का रहने वाला है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार महेंद्र सिंह JSW मोनेट इस्पात में सीनियर मैनेजर है। उन्होंने रिपोर्ट दर्ज कराई है कि उनकी कंपनी का सोशल मीडिया अकाउंट हैक कर नियुक्त दिए जाने का फर्जी विज्ञापन जारी कर दिया गया है। उसमें ऑनलाइन आवेदन मंगवाए गए हैं। इसमें रजिस्ट्रेशन फीस सात सौ 50 रुपए रखा गया है। फर्जी भर्ती अभिषेक त्रिपाठी के नाम से की जा रही है। वह कंपनी का पुराना कर्मचारी है। पुलिस ने सोशल मीडिया अकाउंट और खाते की जांच की। उसके बाद छापा मारकर बिहार निवासी दीपू सिंह (29) को गिरफ्तार किया है। वह कबीर नगर में किराए पर रहता है। हालांकि ठग से पैसे नहीं मिले हैं क्योंकि उसने पैसे खाते से निकालकर निजी कार्य में खर्च कर दिया। पुलिस ने आरोपी को जेल भेज दिया है।
ऑनलाइन शॉपिंग पर 12 लाख का इनाम देने का झांसा
प्राप्त जानकारी के अनुसार ऑनलाइन शॉपिंग पर 12 लाख रुपए का प्राइज दिए जाने का झांसा देकर नर्स वर्षा दास से 80 हजार की ठगी कर ली गई। नर्स ने एक साइट में जाकर खरीददारी की थी। उसके बाद उसके घर वाउचर आया। उसे स्कैन कर नर्स ने 36 सौ रुपए जमा कर दिए। ठग ने खाते में सेंध लगा दिया और 80 हजार रुपए निकाल लिया। पुलिस ने बताया कि अमलीडीह में रहने वाली वर्षा दास ने मीशो शॉपिंग साइट में जाकर खरीददारी की थी। कुछ दिन बाद उनके घर पर एक पार्सल आया। उसमें वाउचर था। उसे नर्स ने स्क्रैच किया। उसमें एक स्कैनर था। नर्स ने उसे स्कैन कर 36 सौ रुपए जमा कर रजिस्ट्रेशन कराया। उसके बाद नर्स के बैंक एकाउंट खाते से अलग-अलग किश्त में पैसा निकाल लिया गया।