इंदौर। हिंदू धर्म में होली का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया जाता है। फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाता है और इसके अगले दिन रंग वाली होली खेली जाती है। इंदौर के ज्योतिषी पंडित गिरीश व्यास ने बताया कि इस साल होलिका दहन 17 मार्च को किया जाएगा। इसके लिए शुभ मुहूर्त रात 09:06 से 10:16 बजे तक होगा। जबकि रंग वाली होली 18 मार्च को खेली जाएगी। होलिका दहन के दिन होलिका की पूजा की जाती है।
होलिका दहन पूजा सामग्री और विधि
पानी, गाय के गोबर से बनी माला, अक्षत, गंध, फूल, माला, रोली, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी, मूंग, बताशे गुलाल, नारियल और गेहूं की बालियां आदि। आचार्य गिरीश व्यास ने बताया कि दाएं हाथ में जल, अक्षत, फूल और एक सिक्का लेकर संकल्प लें। फिर दाहिने हाथ में फूल और चावल लेकर भगवान गणेश का स्मरण करें। अब देवी अंबिका को याद करें। उन्हें ओम अंबिकायै नमः पंचोपचारार्थे गंडक्षत्पुष्पाणि सरमापयामि मंत्र का जाप करना चाहिए।
इसके बाद भगवान नरसिंह का स्मरण करें। फूल पर रोली और चावल चढ़ाएं और भगवान को अर्पित करें। अब भक्त प्रह्लाद को याद करते हुए फूल पर रोली और अक्षत रखकर प्रह्लाद को अर्पित करें। होलिका के सामने खड़े होकर हाथ जोड़कर प्रार्थना करें। होलिका को चावल, धूप, फूल, मूंग दाल, हल्दी के टुकड़े, नारियल और गाय के गोबर से बनी मालाएं अर्पित करें। अब होलिका की परिक्रमा करते हुए कच्चे सूत की तीन, पांच या सात फेरे चारों ओर बांध दें। होलिका के ढेर के सामने कमल से जल चढ़ाएं।
होली के टोटके
1. मान्यता है कि किसी मनोकामना की पूर्ति करने के लिए होली में तीन गोमती चक्र हाथ में लेकर मन में 21 बार मन की बात कहें और तीनों गोमती चक्रों को रखकर अग्नि को प्रणाम करके वापस आ जाएं।
2. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अगर कोई व्यक्ति घर में चांदी के डिब्बे में राख रख देता है तो उसकी कई बाधाएं अपने आप दूर हो जाती हैं।
3. कार्य में बाधा दूर करने के लिए चौमुखी दीपक में सरसों का तेल भरकर उसमें काले तिल के कुछ दाने, एक बताशा, सिंदूर और एक तांबे का सिक्का डालकर होली की आग में जला दें। इस दीपक को घर के पीड़ित के सिर से उतारकर सुनसान चौराहे पर रख दें, बिना पीछे मुड़े वापस आ जाएं और हाथ-पैर धोकर घर में प्रवेश करें।