बिलासपुर। जिले के एक भारतीय स्टेट बैंक के लॉकर से 10 लाख के गहनें गायब होने का अजीब मामला सामने आया है। खातेदार एएईसीएल का अफसर है जिसने बैंक में लॉकर लिया था। अपनी पत्नी के गहने रखे थे। मंगलवार को जब वह दैनिक इस्तेमाल वाले कुछ और गहने रखने गया तो लॉकर से उनके सारे गहने व कुछ दस्तावेज गायब मिले। इस मामले में जब बैंक प्रबंधन से शिकायत की तो बैंक की ओर इस पर अनिभिज्ञता जाहिर की। इसे लेकर बैंक व खातेदारों दोनों ही एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप कर रहे हैं। मामले में जिले के सरकंडा थाने में शिकायत दर्ज कराई है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
सरकंडा पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार यह सारा मामला भारतीय स्टेट बैंक की एसईसीएल शाखा का है। एसईसीएल बिलासपुर में अफसर दिनेश पांडेय सीपत रोड शकुंतला हाईट्स में रहते हैं। इनका एसईसीएल एसबीआई में खाता है। इन्होंने बैंक में एक लॉकर भी ले रखा है। लॉकर में उन्होंने पत्नी के पुराने गहने व बेटी की शादी के लिए गहने रखे थे। मंगलवार 11 जनवरी को दिनेश पाण्डेय परिवार के साथ पुणे जाने वाले थे और इस वजह से उन्होंने अपनी पत्नी के दैनिक इस्तेमाल वाले जेवर रखने बैंक पहुंचे। बैंक का जब लॉकर खोला तो इनके होश उड़ गए। लॉकर खाली मिला और उसमें रखे सारे गहने गायब थे। खातेदार ने बताया कि लॉकर में 10 लाख रुपए के गहने रखे हुए थे। साथ ही कुछ दस्तावेज भी थे जो कि गायब हैं।
जब बैंक प्रबंधन से इसकी शिकायत की तो लॉकर रूम में पहुंचे बैंक अधिकारियों ने अनिभिज्ञता जताई। बैंक प्रबंधक का कहना है कि लॉकर की दो चाबियां होती हैं एक बैंक के पास व दूसरा खातेदार के पास होता है। एक बार बैंक द्वारा चाबी देने के बाद उनके लोग बाहर निकल जाते हैं। इसके बाद खातेदार अपने लॉकर में क्या रखता है क्या नहीं उसकी जिम्मेदारी है। बैंक प्रबंधक का यह भी कहना है कि यदि बैंक का लॉकर कहीं से टूटता व डैमेज होता तो बात थी लेकिन यहां ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। इधर खातेदार का कहना है कि लॉकर का किराए देते हैं तो इसकी जिम्मेदारी बैंक की होनी चाहिए। बहरहाल इस मामले में सरकंडा पुलिस जांच कर रही है। बैंक में लगे सीसी कैमरों की जांच के बाद पुलिस इस मामले में आगे बढ़ेगी। फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुट गई है।