RAIPUR. छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचलों में पेयजल योजनाओं के संचालन और स्थायी रख-रखाव के लिए आज मुख्यमंत्री बघेल ने अनूठे कार्यक्रम ‘जल मितान-युवा उद्यमी‘ उद्यमिता कौशल विकास परियोजना का शुभारंभ किया। जल जीवन मिशन और यूनिसेफ की सहभागिता से ग्रामीण अंचलों में जल मितानों की उपलब्धता के लिए यह परियोजना प्रारंभ की गई है। इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से ग्रामीण युवाओं को जल गुणवत्ता परीक्षण सर्विसेज, नल-पाइप फिटिंग रिपेयरिंग, आरो फिटिंग-रिपेयरिंग, इलेक्ट्रिकल फिटिंग-रिपेयरिंग, सोलर पैनल फिटिंग-रिपेयरिंग, पम्प आपरेटर सर्विस आदि ट्रेडों के लिए प्रशिक्षण दिया जाएग। प्रशिक्षण आवधि 21 दिनों तक की थी। प्रदेश भर के 58 हजार ग्रामीण युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण देना इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है।
मुख्यमंत्री निवास में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री बघेल और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्र कुमार ने प्रतीक स्वरूप प्रशिक्षण प्राप्त 90 जल मितान एवं युवा उद्यमियों को प्रोत्साहन के रूप में निःशुल्क टूल किट प्रदान किए। प्राप्त टूल किट की कीमत लगभग 15 हजार की है। इसमें युवाओं को सुरक्षा जूता, हेलमेट तथा उपकरण प्रदान किये गए हैं जिससे वे बेहतर कार्य कर सके। कार्यक्रम की अध्यक्षता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रूद्रकुमार के द्वारा की गई। मुख्य सचिव के रूप में अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, जल जीवन मिशन छत्तीसगढ़ के मिशन निदेशक श्री आलोक कटियार, यूनिसेफ की वाश विशेषज्ञ श्वेता पटनायक भी कार्यक्रम में मौजूद थे।
कार्यक्रम में अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने जीवन में जल की अहमियत बताते हुए कहा की छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जहां जल जीवन मिशन के तहत पेयजल योजनाओं के संचालन और संधारण के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है । इसी के साथ ही उन्होंने बताया कि राज्य सरकार युवाओं को स्वरोजगार और रोजगार से जोड़ने के लिए निरंतर प्रयास कर है। बेरोजगारी भत्ता के साथ कौशल विकास का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया की कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित जल मितान और जल दीदियों को स्वरोजगार के नए अवसर मिले हैं। इसके बाद प्रशिक्षण प्राप्त सभी युवाओं को मुख्यमंत्री ने बधाई और शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री ने बताया की छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्र के 50 लाख घरों में नल जल कनेक्शन देने हमारा लक्ष्य है। अब तक 24 लाख घरों में नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं। इतनी बड़ी संख्या में नल कनेक्शन के संचालन और संधारण के लिए युवाओं का प्रशिक्षित होना भी अनिवार्य है क्योकि यह एक बड़ी जिम्मेदारी है। हालही में कोंडागांव के प्रवास के दौरान कौशल विकास का प्रशिक्षण के बारे में बताते हुए उन्होंने बताया की वहां प्रशिक्षण प्राप्त करीब 550 युवाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए थे और यह कार्य आगे भी निरंतर जारी रहेगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रुद्र कुमार ने बताया की लॉकडाउन के कारण हमें जल जीवन मिशन के कार्यों के लिए ज्यादा वक्त नही मिल पाया। जिसके बावजूद टीम की मेहनत और लगन से मात्र 2 साल में जल जीवन मिशन के निर्धारित लक्ष्य के 45 प्रतिशत नल कनेक्शन देने का काम पूरा किया। उन्होंने आगे भी इस तरह से काम करते हुए जल्द से जल्द पूरे प्रदेश में नल जल कनेक्शन प्रदान करने की बात कही जिससे लोगों को जल्द से जल्द शुद्ध पेयजल की सुविधा मिल सके।
इस दौरान मुख्यमंत्री के सचिव एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव डॉ. एस. भारतीदासन प्रदेश में बड़ी संख्या में नल-जल योजनाओं के संचालन के बारे में बताया। उन्होंने बताया की जल जीवन मिशन के अंतर्गत यूनिसेफ के सहयोग से पूरे प्रदेश में 58 हजार युवाओं को जल मितान के रूप में प्रशिक्षित करने का लक्ष्य तय किया गया है। अब तक ग्राम पंचायतों की अनुशंसा पर 11 हजार युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इनमें से 540 युवाओं को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण दिया गया।
यूनिसेफ की वाटर एंड सेनिटेशन, हाईजिन विशेषज्ञ श्वेता पटनायक ने कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के पंचायत स्तर पर जल आपूर्ति योजनाओं के स्थायी रखरखाव को सुनिश्चित करना इस योजना का लक्ष्य बताया। उन्होंने बताया की यह ‘वन स्टॉप सॉल्यूशन‘ की अवधारणा पर आधारित है। इस दौरान जल जीवन मिशन के संचालक आलोक कटियार ने मौजुदा अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त कर उनका धन्यवाद किया।