PRAYAGRAJ. माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को उमेश पाल की हत्या के मामले में बृहस्पतिवार को सीजेएम अदालत में पेश किया गया जहां दोनों की 14 दिन की न्यायिक हिरासत मंजूर की गई है. उमेश पाल की पत्नी जया पाल के वकील विक्रम सिन्हा ने बताया मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश गौतम की अदालत ने अतीक और अशरफ की 14 दिन की न्यायिक हिरासत मंजूर की है और पुलिस रिमांड प्रार्थना पत्र पर बहस अभी जारी है.
अतीक अहमद को बुधवार की शाम करीब छह बजे यहां की जेल में लाया गया. विलंब की वजह से उसे बुधवार को अदालत में पेश नहीं किया जा सका था. बरेली जेल से नैनी जेल लाए गए अतीक के भाई अशरफ को भी इसी मामले में अदालत में पेश किया गया. बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में प्रमुख गवाह उमेश पाल और उसके दो सुरक्षा गार्ड की गत 24 फरवरी को धूमनगंज क्षेत्र में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
उमेश पाल की पत्नी जया पाल की तहरीर पर 25 फरवरी को अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों, साथी गुड्डू मुस्लिम और गुलाम और नौ अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. उत्तर प्रदेश पुलिस की एक टीम मंगलवार को अतीक अहमद को लेकर साबरमती जेल से प्रयागराज के लिए रवाना हुई. इससे पूर्व, 26 मार्च को उसे साबरमती जेल से प्रयागराज लाया गया था और 2006 के उमेश पाल अपहरण मामले में 28 मार्च को अदालत में पेश किया गया था. उसे और दो अन्य लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.
इस बीच यूपीएसटीएफ ने गुरुवार सुबह अतीक अहमद के बेटे असद और उसके शूटर गुलाम को झांसी में हुई एक पुलिस मुठभेड़ में ढेर कर दिया. उमेश पाल की हत्या के बाद से असद फरार चल रहा था. बताते हैं कि अतीक अहमद ने नैनी जेल प्रशासन से आज सुबह बेटे असद से मुलाकात करने की इच्छा जताई थी. अतीक ने कहा था कि असद से सिर्फ पांच मिनट मिलवा दें. पता नहीं उसके चेहरा फिर कब देख पाऊंगा.