AMBIKAPUR NEWS. मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अस्पताल चौकी के सामने जमीन पर पड़ी लाश और हंगामा करते परिजन और इस हंगामे के बीच सरकार पर हमला कर विपक्ष की भूमिका निभाती कांग्रेस। ये गुस्सा इसलिए फूटा है क्योंकि सिस्टम की लापरवाही के कारण फिर एक बार एक जिंदगी खत्म हो गई है। इस बार मृतक है एक युवा पहाड़ी कोरवा गुड्डू।

दरअसल बलरामपुर जिले के मदेंश्वरपुर का रहने वाला गुड्डू अंबिकापुर में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होकर वापस लौट रहा था। जहां पहाड़ी कोरवा और संरक्षित जनजाति के लिए चलाए जा रहे योजना की समीक्षा हो रही थी। बताया जा रहा है कि कार्यक्रम के बाद वापसी में गुड्डू बाइक से गिर गया, ऐसे में उसे पहले बरियो अस्पताल फिर मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर रेफर किया गया। 5 अक्टूबर की शाम उसकी स्थिति को गंभीर बताते हुए मेडिकल कालेज के डॉक्टरों ने उसे रायपुर रेफर कर दिया।

6 अक्टूबर को यानी 24 घंटे बाद उसे एंबुलेंस मिल सकी। वो भी काफी मशक्कत के बाद इसे लेकर परिजन बेहद परेशान रहे। 24 घंटे विलम्ब के बाद जब परिजन घायल गुड्डू को लेकर जा रहे थे तो उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। इसके बाद उसे वापस लाने के लिए भी शासकीय मदद यानी शव वाहन नहीं मिल सका। ऐसे में परिजन निजी वाहन से अम्बिकापुर पहुंचे और यहाँ शव मेडिकल कालेज में रखकर प्रदर्शन करने लगे।

परिजन जहां इसमे अस्पताल प्रबन्धन कि घोर लापरवाही मान रहे हैं, तो कांग्रेस ने मामले में दोषियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का अपराध दर्ज करने के साथ ही पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की है। हंगामे और हुल्लड़ की स्थिति अस्पताल परिसर में करीब 2 घंटे बनी रही। इस बीच अस्पताल की व्यवस्था भी प्रभावित रही, मगर आंदोलनकारी मुआवजे व लिखित आश्वासन पर अड़े रहे। जिसके बाद एसडीएम ने मौके पर पहुंचकर समझाइश दी तब जाकर शव का पीएम हो सका।

एसडीएम ने मामले में जांच के साथ ही उचित मुआवजे की कार्रवाई का आश्वासन दिया है। साथ ही अस्पताल प्रबंधन इस मामले में लापरवाही की बात से इंकार कर रहा है। अस्पताल अधीक्षक का कहना है कि मरीज को तत्काल रेफर करना संभव नहीं होता, इस कारण गंभीर मरीज को स्टेबल कर रेफर किया जाता है। उन्होंने ये जरूर माना कि एम्बुलेंस मिलने में समय लगा, मगर उसके लिए विभाग जांच के बाद ही कार्रवाई की दलील दे रहा है।

बहरहाल एक तरफ सरकार जनमन के तहत विशेष पिछड़ी जनजाति के लिए पैसे पानी की तरह खर्च कर रही है, तो दूसरी तरफ कुछ अधिकारी पीएम योजना में भी पलीता लगा रहे हैं और शायद यही लापरवाही गुड्डू के लिए हावी पड़ गई है।




































