JANJGIR NEWS. जांजगीर में डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है। बदमाशों ने मनी लांड्रिंग में नाम आने का डर दिखाकर रिटायर्ड क्लर्क तुषारकर देवांगन से 32 लाख 54 हजार की बड़ी ठगी की है। बदमाशों ने वाट्सएप वीडियो कॉलिंग कर डराया और डरने के बाद तुषारकर देवांगन 6 किस्तों में राशि को 4 खातों में ट्रांसफर कर दिया। ठगी के बाद सिटी कोतवाली थाना में FIR दर्ज कराया गया है। इसके बाद, पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

दरअसल, जांजगीर का तुषारकर देवांगन, 2022 में क्लर्क पद से रिटायर्ड हुआ था। अभी 3 जुलाई को उसके पास कॉल आई और उसे बदमाशों ने मनी लांड्रिंग में नाम आने और खाते की जांच कराने का डर दिखाया। इस दौरान डिजिटल अरेस्ट करने को लेकर धमकाया तो रिटायर्ड क्लर्क तुषारकर देवांगन डर गया और उसने 6 किस्तों में 32 लाख 54 हजार रुपये को 4 खातों में ट्रांसफर कर दिया। इस तरह जीवन भर की पूंजी एक ही झटके में खत्म हो गई। मामले में सिटी कोतवाली पुलिस द्वारा FIR दर्ज कर जांच की जा रही है।
साइबर ठगों के टारगेट में बुजुर्ग और महिलाएं
आपको बता दें कि इन दिनों डिजिटल अरेस्ट करने वाले साइबर ठगों के टारगेट में अकेले रहने वाले बुजुर्ग और महिलाएं हैं। बीते दिनों राजधानी रायपुर के विधानसभा इलाके में रहने वाली रिटायर्ड महिला एजीएम से 2.83 करोड़ रुपए की ऑनलाइन ठगी की घटना को अंजाम दिया गया था। इसके पहले पंडरी इलाके की 58 वर्ष की महिला को भी डिजिटल अरेस्ट किया गया था। उनसे 58 लाख रुपए की ऑनलाइन ठगी की गई थी।
दोनों ही मामलों में पीड़िताएं अकेले रहती हैं। उनके साथ परिवार के जागरूक सदस्य नहीं थे। इधर रिटायर्ड एजीएम से ठगी गई राशि को साइबर ठगों ने म्यूल बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया। साइबर ठगों ने रिटायर्ड एजीएम को डिजिटल अरेस्ट करके 2.83 करोड़ रुपए ठग लिए। यह राशि अलग-अलग 11 म्यूल बैंक खातों में ट्रांसफर की गई है। ये खाते फर्म के नाम से भी खोले गए हैं और उत्तरप्रदेश, कर्नाटक आदि में हैं। इन खातों से ठगी की राशि को आरोपियों ने निकाल लिया है। फिलहाल कोई राशि होल्ड नहीं हो पाई है। उल्लेखनीय है कि पीड़िता 50 दिन तक साइबर ठगों की निगरानी में रही। इस बीच जो भी रकम पीड़िता साइबर ठगों के बताए बैंक खातों में जमा करती थी, ठग उसे तत्काल निकाल लेते थे।