NEW DELHI NEWS. जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया जिसके बाद से पूरे देश में कयासों का दौर जारी है कि आखिर उपराष्ट्रपति पद से उन्होंने ठीक मानसून सत्र से पहले इस्तीफा क्यों दिया। एकतरफ जहां सत्ता पक्ष के लोग उनके स्वास्थ्य का हवाला दे रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ विपक्ष का मानना है कि पर्दे के पीछे कुछ तो हुआ है।
कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, “जिस तरह अचानक से रहस्यमय तरीके से उपराष्ट्रपति ने इस्तीफा दिया है यह कई सवालों को अनुत्तरित छोड़ देता है, भाजपा का संवैधानिक कार्यालयों और प्रक्रियाओं दोनों को कमजोर करने का ट्रैक रिकॉर्ड है। भाजपा का संवैधानिक पदाधिकारियों का अपमान करने और संवैधानिक तंत्र को कमजोर करने का भी ट्रैक रिकॉर्ड है… जो दिख रहा है और जो कारण है वह पूरी तरह से अलग है। हम मांग करते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी आगे आएं और भारत के लोगों और संसद को विश्वास में लें।”
दिल्ली में ही कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, “पिछले 15 घंटे का घटनाक्रम बहुत आश्चर्यजनक है, भारत के इतिहास में यह पहली बार है कि उपराष्ट्रपति ने इस्तीफा दिया और आनन फानन में इसे स्वीकार भी कर लिया गया। अगर वे इसका उल्लेख करें कि परिस्थितियां क्या थी उससे जो सच्चाई है वह 146 करोड़ भारतीय जान पाएंगे।”
दिल्ली में कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर कहा, “हम हैरान हैं। हमारे उनके साथ अच्छे संबंध थे, यह बहुत आश्चर्यजनक है।”
AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने कही ये बात
दिल्ली में AAP अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर कहा, “ऐसा लगता है कि जो बताया जा रहा है और जो वजह है उसमें फर्क है। इतना वरिष्ठ व्यक्ति इस्तीफ़ा दे और पूरी भाजपा इस पर चुप रहे और इस्तीफ़ा तुरंत स्वीकार कर लिया जाए, कुछ तो है जो पर्दे के पीछे हुआ है। लगता है भाजपा में सब ठीक नहीं है। उनके अध्यक्ष पर भी महीनों से चर्चा चल रही है लेकिन फ़ैसला नहीं हो पाया… इसी बीच उपराष्ट्रपति का अचानक इस्तीफ़ा हो जाना… ये यकीन करने लायक नहीं है, पता नहीं सच्चाई क्या है, सामने आएगी भी या नहीं।”
RJD नेता तेजस्वी यादव ने कहा ‘इस्तीफा दिया गया या लिया गया’?
पटना में RJD नेता तेजस्वी यादव ने कहा, “मानसून सत्र के पहले दिन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सदन का संचालन अच्छे से किया, ऐसे में रात में उनका इस्तीफा देना हैरानी की बात है। अब सवाल उठता है कि इस्तीफा दिया गया या लिया गया। अगर स्वास्थ्य की बात है तो सत्र से पहले ही इस्तीफा दे सकते थे। चर्चाएं हैं कि इस्तीफा लिया गया, क्या कारण है या नहीं, ये तो वही बेहतर बता सकते हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा बिल्कुल स्वस्थ व्यक्ति हैं धनखड़
हावड़ा में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर कहा, “मुझे इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करनी है। देखते हैं क्या होता है। वे एक स्वस्थ व्यक्ति हैं, मुझे लगता है कि उनका स्वास्थ्य बिल्कुल ठीक है।”
कोलकाता में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने कहा, “उपराष्ट्रपति ने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट किया है। हमने उनका काम पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के तौर पर बहुत पास से देखा है। हर वक्त वे बंगाल के लोगों के दुख कष्ट के साथ खड़े रहते थे। हर विषय में राजभवन का दरवाजा खुला रहता था। स्वास्थ्य सर्वप्रथम है। हम प्रर्थना करते हैं कि वे जल्द स्वस्थ हो जाएं।”
बिहार के मंत्रियों ने कही ये बात
पटना में बिहार के मंत्री अशोक चौधरी ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफ़े पर उन्होंने कहा, “… हमें नहीं पता कि अंदरूनी मामला क्या है… लेकिन ऐसा लगता है कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था जिसकी वजह से उन्होंने इस्तीफ़ा दिया।”
पटना में ही बिहार सरकार के मंत्री नितिन नबीन ने कहा, “उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ हमारी पार्टी के वरिष्ठ सदस्य हैं, उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफ़ा दिया है… उन्होंने लोकतंत्र में एक मिसाल कायम की है…”
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने की कुशलता की कामना
गांदरबल में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, “मैं उनकी कुशलता और लंबी आयु की कामना करता हूं… यह पहली बार है जब किसी उपराष्ट्रपति ने इस तरह इस्तीफा दिया है। दुर्भाग्य से, उनके स्वास्थ्य ने उन्हें आगे काम करने की अनुमति नहीं दी… उम्मीद है कि अगले उपराष्ट्रपति अपने पद और कार्यालय के साथ न्याय करेंगे…”
काफी समय से चल रही थी चर्चा : ओमप्रकाश राजभर
लखनऊ में उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर कहा, “काफी समय से चर्चा चल रही थी कि उपराष्ट्रपति अस्वस्थ हैं और वह कभी भी इस्तीफा दे सकते हैं। पिछली बार जब वह स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दे रहे थे, तो उन्हें समझाया गया था… अब उन्होंने खराब स्वास्थ्य के कारण इस्तीफा दिया है। कांग्रेस, सपा, बसपा के पास विरोध के अलावा कोई और काम नहीं है।”