BILASPUR NEWS. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में पदोन्नति में भेदभाव से संबंधित एक याचिका की सुनवाई के दौरान तल्ख टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने कहा कि यह कहां का नियम है कि जिस पद पर ज्वाइनिंग करे उसी पद पर रिटायर हो जाए। काम का कुछ तो अवार्ड मिले।
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बता दें, डाटा एंट्री आपरेटरों की ओर से पदोन्नति के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि कर्मचारी एक ही पद पर बिना किसी पदोन्नति के काम करे यह उचित नहीं है। कुछ तो अवार्ड मिलना ही चाहिए। जिस पद पर नियुक्ति होगी उसी पद पर रिटायर हो जाए यह उचित नहीं है। राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए महाधिवक्ता कार्यालय के शासकीय अधिवक्ता ने याचिका को खारिज करने की मांग की।
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कोर्ट ने कहा कि आप जवाब पेश करिए। आगे सुनवाई की जाएगी। राज्य शासन के 15 विभागों में पदोन्नति चैनल निर्धारित कर डाटा एंट्री ऑपरेटरों को पदोन्नति प्रदान किया जा रहा है। लेकिन छत्तीसगढ़ शासन के अन्य विभागों में डाटा एंट्री ऑपरेटरों को पदोन्नति से वंचित है। छत्तीसगढ़ शासन के समस्त विभागों में एक समान पदोन्नति चैनल निर्धारित करने एवं पदोन्नत पद के समान समयमान-वेतनमान प्रदान करने के संबंध में छत्तीसगढ़ प्रदेश शासकीय कंप्यूटर डाटा एंट्री ऑपरेटर कर्मचारी ऐसोसिएशन द्वारा बीते 8-10 वर्षों से शासन, प्रशासन, विभाग प्रमुखों को पत्राचार किया जा रहा था। परंतु शासन, प्रशासन एवं विभागों द्वारा डाटा एंट्री ऑपरेटरों को पदोन्नति प्रदान करने के संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की जा रही थी।
एक ही राज्य में एक ही पद के पदोन्नति के संबंध में दोहरी नीति एवं उनके साथ हो रहे अन्याय को लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश शासकीय कंप्यूटर डाटा एंट्री ऑपरेटर कर्मचारी एसोसिएशन के माध्यम से 10 विभागों में वन विभाग, वाणिज्य एवं उद्योग विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग एवं नगर निगम बिलासपुर ने उन 15 विभागों में जहां पदोन्नति चैनल निर्धारित है उसी के समान पदोन्नति एवं पदोन्नति से वंचित डाटा एंट्री ऑपरेटरों के पदोन्नति के पद व समयमान व वेतनमान दिए जाने की मांग करते हुए याचिका दायर की है। कोर्ट ने शासन को जवाब देने के लिए 8 सप्ताह की मोहलत दी है।