JAGDALPUR. छत्तीसगढ़ में जहां एक ओर नक्सली हमले बढ़ते जा रहे हैं. तो वहीं दूसरी ओर पुलिस के जवान लगातार उन्हें नाकामयाब करने में जुटे हुए हैं. इस बीच जगदलपुर से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां लाखों के इनामी नक्सली ने पुलिस के सामने घुटने टेक दिए हैं. छत्तीसगढ़ सरकार की छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति के तहत विश्वास, विकास एवं सुरक्षा की भावना एवं पुलिस द्वारा चलाए जा रहे पुना नर्कोम अभियान नई सुबह, नई शुरूआत से प्रभावित होकर एवं नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा और उनके शोषण, अत्याचार बाहरी अक्सलियों द्वारा भेदभाव करने और स्थानीय आदिवासियों पर अत्याचार करने से तंग आकर नक्सली संगठन में सक्रिय एक लाख रुपये इनामी जोगा (मिलिशिया कमाण्डर एलमागुण्डा आरपीसी. और 2 भीमा (आरपीसी अध्यक्ष + जीपीसी अध्यक्ष एलमागुण्डा आरपीसी अंतर्गत) दोनों निवासी किस्टाराम में बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया है. दोनों नक्सली सुकमा जिला के किस्टाराम थाना क्षेत्र के निवासी हैं.
बता दें सुकमा में गुरुवार को नक्सल ऑपरेशन ASP प्रभात कुमार नक्सल ऑप्स सुकमा एवं सहायक कमान्डेंट 131 वाहिनी CRPF के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया है. आत्मसमर्पित दोनों नक्सलियों को सरकार की पुनर्वास योजना के तहत सहायता राशि व अन्य सुविधाएं प्रदान करवाने की बात पुलिस अधिकारियों ने कही है.
कौन हैं आत्मसमर्पित नक्सली
नक्सलियों को आत्मसर्पण करने के लिए प्रोत्साहित करने में 131 वाहिनी CRPF का विशेष योगदान रहा है. बताया जा रहा है कि एक लाख रुपये का इनामी नक्सली जोगा नक्सली संगठन में 2014 से 2016 तक मिलिशिया सदस्य था, इसके बाद 2017 से अब तक मिलिशिया कमाण्डर के पद पर था.
इन नक्सली घटनाओं में रहा शामिल
एलमागुण्डा कैम्प खुलने के पहले मिनपा-एलमागुण्डा मार्ग खोदने और स्पाईक लगाने की घटना में शामिल था, इसके अलावा तोण्डामरका कैम्प खुलने के पहले स्पाईक लगाने की घटना में शामिल रहा, एवं तोण्डामरका कैम्प पर हमले के दौरान संत्री ड्यूटी पर भी था। नक्सली संगठन में 2004- 2005 तक संघम सदस्य, वर्ष 2005 से 2006 तक कृषि कमेटी अध्यक्ष, 2007 से अब तक एलमागुण्डा आरपीसी अध्यक्ष जीपीसी अध्यक्ष के पद पर था.