GHAZIABAD. राज्य स्तरीय और केंद्रीय जांच एजेंसियां उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में डेरा डाले हुए हैं। दरअसल, यहां के दो अभिभावकों ने पुलिस में एफआईआर कराई थी की उनके बच्चों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। एक शख्स ने बताया कि उसका बेटा दिन में पांच बार जिम जाने की बात कहकर घर से निकलता था। एक दिन शक होने पर उसका पीछा किया, तो देखा कि वह स्थानीय मस्जिद में जा रहा था।
इसके बाद डांटने पर बच्चे ने कहा कि वह मस्जिद में जाकर रह लेगा। इस बारे में उसकी मौलवी से बात हो चुकी है। पिता ने जब पूछा कि वह कैसे बदल गया, तो पता चला कि दो साल पहले उसने मुंबई के एक शख्स से ऑनलाइन गेमिंग का सामान खरीदा था। इसके बाद से वह लगातार उसके संपर्क में था। धीरे-धीरे उसने बच्चे का ब्रेन वॉश कराकर उसका धर्म परिवर्तन कराने का कुचक्र रचा।
इस जानकारी के बाद पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच की, तो पता चला कि बड़े पैमाने पर गेमिंग ऐप की मदद से नाबालिग बच्चों के धर्मांतरण कराने का खेल चल रहा है। लिहाजा, अब इसकी जांच में सुरक्षा एजेंसियां जुट गई हैं।
पुलिस के अलावा आईबी और एनआईए पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि आखिर सीक्रेट गेम का राज क्या है। यह भी जानकारी मिली है कि नाबालिगों को धर्म परिवर्तन कराने वाले गिरोह का जाल देशभर में फैला है। इन जानकारियों के सामने आने के बाद गृह मंत्रालय ने गाजियाबाद पुलिस से जानकारी मांगी है।
ये दो गेम हैं जांच एजेंसियों के रडार पर
बताया जा रहा है कि Fortnite और Discord गेमिंग ऐप के जरिये नाबालिग बच्चों को टारगेट किया जाता है। लिहाजा, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को दोनों ऐप की जांच करने के लिए कहा है। साथ ही इस मामले में 10 दिनों के अंदर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव से रिपोर्ट तलब की है।
इस रैकेट का मास्टरमाइंड शहनवाज उर्फ बद्दो को बताया जा रहा है, जो अब तक फरार है। उसकी तलाश में पुलिस ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है। बच्चों से बातचीत के लिए Discord चैटिंग ऐप का इस्तेमाल किया जाता था ऑनलाइन चैटिंग में ज्यादातर प्लेयर्स ही होते हैं।