TIRANDAJ.COM. एशिया की पहली महिला लोकोमोटिव पायलट सुरेखा यादव ने सोमवार 13 मार्च को सोलापुर से सीएसएमटी तक वंदे भारत एक्सप्रेस दौड़ाई। छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के प्लेटफॉर्म नंबर 8 पर सुरेखा यादव का जोरदार स्वागत किया गया।
सुरेखा यादव ने कहा कि यह नए युग की नवीनतम तकनीक से लैस वंदे भारत ट्रेन चलाने के अवसर के लिए धन्यवाद देने का समय है। ट्रेन समय पर सोलापुर से रवाना हुई और समय से 5 मिनट पहले सीएसएमटी पहुंची।
सुरेखा यादव ने कहा कि नए युग की नवीनतम तकनीक से लैस वंदे भारत ट्रेन को चलाने का अवसर मिलने पर मैं आभार व्यक्त करती हूं। ट्रेन समय पर सोलापुर से रवाना हुई और समय से 5 मिनट पहले सीएसएमटी पहुंची। ट्रेन चलाना सीखने की प्रक्रिया में नए उपकरणों के लिए अभ्यस्त होना, चालक दल के अन्य सदस्यों के साथ समन्वय करना, ट्रेन चलाने के लिए सभी मापदंडों का पालन करना शामिल हैं।
1988 में बनीं थी पहली महिला लोको पायलट
महाराष्ट्र के सतारा की रहने वाली सुरेखा यादव 1988 में भारत की पहली लोको पायलट बनीं और उन्हें उनकी उपलब्धियों के लिए कई राज्य और राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट पॉल कॉन्वेंट हाई स्कूल सतारा से पूरी की।
आगे की पढ़ाई के लिए सुरेखा ने वोकेशनल ट्रेनिंग कोर्स पूरा किया और बाद में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हासिल किया। आज उन्होंने एक नया कीर्तिमान रच दिया है। यह कहना गलत नहीं होगा कि आज सुरेखा जैसी महिलाओं की वजह से देश-विदेश में भारतीय महिलाओं की क्षमता को समझते हुए उन्हें अच्छे पदों की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है।