BHILAI. क्रिएटिविटी और इनोवेशन के क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल करने वाले भिलाई के लालों ने फिर एक नवाचार को सृजित किया है। फॉर्मेसी के फील्ड में दवाइयों की टेस्टिंग अब और भी ज्यादा सटीक और बेहतर होगी। भिलाई के फॉर्मेसी वैज्ञानिकों ने लैब टेस्टिंग के लिए स्पेशल टेक्निक इजाद किया है। इससे चार मशीनों का काम अब एक ही मशीन कर देगा।
रूंगटा फॉर्मास्यूटिकल कॉलेज ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (R-1) की फैकल्टी और स्टूडेंट्स ने इस मशीन का नाम एंजायटी बॉक्स रखा है। मशीन के माध्यम से दवाइयों की टेस्टिंग के दौरान लैब एनीमल पर शोध कार्य आसानी से हो जाएगी। दवाइयों की टेस्टिंग इंसानों से पहले प्रयोगशाला में एनीमल पर किया जाता है। इससे ह्यूमन बॉडी पर पड़ने वाले प्रभाव को देखा जाता है। नई तकनीक के माध्यम से अब दवाई ज्यादा प्रभावी साबित होगी।
इस खास उपकरण एंजायटी बॉक्स को रूंगटा फॉर्मा की प्रोफेसर सोनल सिन्हा, स्टूडेंट रोमा साहू, ऋतु कश्यप, मानसी नागदेव, स्नेहा तिवारी और आकांक्षा सिंह ने इजात किया है, जिसे भारत सरकार के प्रौद्योगिकी मंत्रालय से पेटेंट की मान्यता मिल गई है, जो बड़ी उपलब्धि है। प्रोफेसर सोनल ने बताया कि इस मशीन को साथ लेकर नए स्टार्टअप की शुरुआत की गई है। पहले जहां फॉर्मेसी कॉलेजों को एंजायटी टेस्ट मशीन खरीदने लाखों रुपए चुकाने होते थे जबकि अब यह काम कुछ हजार में हो जाएगा।
स्टार्टअप से टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करने प्रोसेस शुरू हो गई है। शुरुआत में दो अन्य फॉर्मेसी कॉलेजों ने इस मशीन को खरीदने में रुचि दिखाई है। अधिकारियों ने कहा कि स्टूडेंट्स के इस स्टार्टअप के लिए रूंगटा ग्रुप की बिजनेस इन्क्यूबेशन सेल का सपोर्ट दिया जाएगा। आगे बताया कि स्टूडेंट्स को कॉलेज से फंडिंग भी होगी। इस उपलब्धि पर रूंगटा ग्रुप के चेयरमैन संतोष रूंगटा, डायरेक्टर सोनल रूंगटा, डॉ.सौरभ रूंगटा, डॉ.एजाजुद्दीन, प्रोफ़ेसर रामकृष्ण राठौर ने सराहना की।