KAWARDHA NEWS. छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में कलेक्ट्रेट में बीती रात फर्जी डिप्टी कलेक्टर पकड़ा गया है। बता दें कि, दुर्ग निवासी शम्मी सिंह ठाकुर फर्जी अधिकारी बनकर अपने साथ एक ड्राइवर और एक स्टेनो के साथ निरीक्षण करने पहुंचा था। यहीं से इसको पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और पूछताछ कर रहे हैं। बता दें की निरीक्षण करने पहुंचे फर्जी डिप्टी कलेक्टर को लेकर जब स्थानीय कर्मचारियों को तीनों पर शक हुआ तो इसकी पुलिस को सूचना दी गई। इसके बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। वहीं, पकड़े गए आरोपियों के पास से फर्जी आईडी कार्ड बरामद किया गया है।
फिलहाल, सिटी कोतवाली पुलिस आरोपियों के इस मकसद और नेटवर्क तलाशने में जुटी है और जल्द ही पूरे मामले का खुलासा करने का दावा कर रही है। अब देखना होगा की इस मामले में और कितने आरोपी सामने आते हैं और खुलासे होते हैं। आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है जबकि प्रदेश में इस तरह के मामले सामने आए हो। कभी कोई फर्जी पुलिस अधिकारी, तो कभी कोई फर्जी प्रशासनिक अधिकारी बनकर लोगों को झांसे में लेने और थमने का काम करता रहा है।
इसके पहले सूरजपुर जिले में ग्रामीणों ने सूझबूझ से फर्जी श्रम अधिकारी बनकर गांव में आए एक युवक को सबक सिखाया था। सूरजपुर पंचायत भवन में चमचमाती कार में रौब झाड़ते पहुंचे युवक ने ऐसा माहौल बनाया कि ग्रामीणों को एक बारगी उस पर भरोसा हो गया, लेकिन शेखी बघारने में चक्कर युवक धरा गया।
चमचमाती कार से रौब झाड़ते हुए उतरे युवक ने खुद को श्रम अधिकारी बताया और ग्रामीणों को प्रधानमंत्री आवास और पशुधन योजना में सब्सिडी दिलाने का सब्जबाग दिखाया। युवक का अंदाज-ए-बयां कुछ ऐसा था कि ग्रामीणों को उसकी बातों पर यकीन हो गया और उसे पैसे थमा दिए।
PM आवास और पशुधन योजना में लाखों की सब्सिडी दिलाने का दावा किया
मामला सूरजपुर जिले के छोटे से गांव मोहरसोप का है। फर्जी अफसर बनकर ग्रामीणों को लुटने पहुंचे युवक का ड्रामा रंग ला चुका था। दो दर्जन से अधिक ग्रामीण ने सरकारी योजना में सब्सिडी का लाभ पाने के लिए युवक को लाखों रुपए भी दे दिए। लेकिन युवक की किस्मत इतनी अच्छी नहीं थी, क्योंकि कुछ ग्रामीणों को उस पर शक हो गया और सच्चाई सामने आते ही उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।