RAIPUR. छत्तीसगढ़ दौरे के बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नशे को लेकर गंभीर चिंता जताई है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के वर्चुअल उद्घाटन के मौके पर शाह ने कहा कि कहा कि छत्तीसगढ़ में चरस-कोकीन जैसे ड्रग्स का इस्तेमाल करने वालों की संख्या बढ़कर 1.55 प्रतिशत हो चुकी है, जो देश के औसत से ज्यादा है। गांजे के नशेड़ी बहुत तेजी से बढ़े हैं। छत्तीसगढ़ में इनका प्रतिशत लगभग 5 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 2.8 प्रतिशत से बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में नशे को रोकने के लिए साइंटिफिक इन्वेस्टिगेशन अब जरूरी हो गया है।
अमित शाह ने कहा कि नशा पुनर्वास केंद्रों के कार्यों की समीक्षा के लिए छत्तीसगढ़ के चीफ सेक्रेटरी अमिताभ जैन और डीजीपी अशोक जुनेजा को काम बांटकर तीन-तीन घंटा निकालना चाहिए, तभी नशे के खिलाफ लड़ाई से जीता जा सकता है। शाह ने कहा कि अगर एक पुड़िया गांजा या ड्रग्स भी पकड़ा जाता है, तो छत्तीसगढ़ में इन्वेस्टिगेशन एजेंसियों को उनकी तह तक जाना होगा। इस दौरान सीएम विष्णुदेव साय व डिप्टी सीएम विजय शर्मा भी मौजूद थे।
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उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ से सात राज्यों की सीमाएं मिलती हैं। ओड़िशा और आंध्रप्रदेश से समुद्र तटीय कनेक्टिविटी भी है। यह छत्तीसगढ़ से होकर नशे के लिए कनेक्टिविटी रूट बनाते हैं। इस वजह से भी छत्तीसगढ़ में नशे का खतरा बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि जिन बिंदुओं से नशा आ रहा है, जिन माध्यमों से आ रहा है, उन्हें पूरी तरह ध्वस्त करने से ही सफलता मिल सकती है।
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इस दौरान गृहमंत्री शाह ने कहा कि जो लोग आदतन ड्रग्स सप्लाई कर रहे हैं और बार-बार पकड़े जाते हैं, अब उनकी संपत्ति जब्त करने जैसी कार्रवाई करने पर भी छत्तीसगढ़ शासन को परहेज नहीं करना चाहिए, क्योंकि नशा और ड्र्ग्स की स्मगलिंग का मामला खतरनाक होता जा रहा है। इस पर जांच एजेंसियों को एनडीपीएस एक्ट के साथ-साथ सख्त से सख्त कार्रवाई शुरू करनी चाहिए, तभी नशे के फैलाव पर नियंत्रण हो सकता है।