BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में प्रदेश में संचालित स्पंज आरयन व सीमेंट फैक्ट्री में काम करने वाले व उस क्षेत्र के आसपास रहने वालों ने याचिका दायर की है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान न्यायमित्रों ने रिपोर्ट पेश की। प्रदेश में तकरीबन 60 ऐसे स्पंज आयरन और सीमेंट प्लांट है। जहां तय मानकों व मापदंडों का प्रयोग नहीं किया जा रहा है। इसके चलते औद्योगिक प्रदूषण तेजी के साथ फैल रहा है। काम करने वाले कर्मचारियों के अलावा आसपास के रहवासियों के लिए यह प्रदूषण खतरा बना हुआ है। इस पर डिवीजन बेंच ने महाधिवक्ता को जवाब पेश करने कहा है।
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बता दें, प्रदेश के कारखानों में काम करने वाले कर्मचारियों के अलावा औद्योगिक क्षेत्र के आसपास के रहवासियों के लिए प्रदूषण को खतरा बताते हुए कारगर उपाय करने की मांग की है। इस पर 4 अलग-अलग याचिका दायर की गई है। कोर्ट में मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविन्द्र अग्रवाल के डिवीजन बेंच में हुई।
कोर्ट में जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने स्वीकार किया कि राज्य में कई जगह संचालित प्लांट्स में जरूरी प्रावधानों का पालन नहीं किया जा रहा है। प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए शासन की योजना बन चुकी है। इसे लागू कराने में कुछ समय लगेगा।
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न्यायमित्रों से मांगी थी रिपोर्ट
हाईकोर्ट ने इस मामले में एडवोकेट प्रतीक शर्मा और पीआर पाटनकार सहित कुल 11 अधिवक्ताओं को न्याय मित्र नियुक्त किया। कोर्ट ने न्याय मित्रों से प्रदेश की इन औद्योगिक इकाइयों में प्रदूषण के कारण हो रही परेशानी के बारे में जानकारी मंगाई थी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रदेश के स्पंज आयरन व सीमेंट फैक्ट्रीयों से संबंधित जानकारी पेश की।