BILASPUR NEWS. छत्तीसगढ़ रेल यात्रियों के लिए एक नई खबर मिली है। दरअसल, बिलासपुर-इंदौर नर्मदा एक्सप्रेस, बिलासपुर-रीवा एक्सप्रेस, बिलासपुर-भोपाल एक्सप्रेस समेत कटनी रेलखंड पर चलने वाली ट्रेनों में यात्रा करने उसलापुर स्टेशन जाना पड़ेगा। रेल प्रशासन इसका प्रपोजल भी तैयार कर रहा है। हालांकि, रेलवे की ओर से अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। उसलापुर शहर का दूसरा प्रमुख रेलवे स्टेशन है। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत इस स्टेशन को विकसित भी किया जा रहा है। उसलापुर रेलवे स्टेशन में अभी 17 ट्रेनों का ठहराव है। इनमें आठ नियमित ट्रेनें हैं। अन्य ट्रेनें साप्ताहिक हैं। इन ट्रेनों का परिचालन शुरू होने से ट्रेनों की संख्या बढ़ जाएगी। इससे यात्री भी बढ़ जाएंगे। इसे देखते हुए ही रेल प्रशासन सुविधाओं में विस्तार कर रहा है।
वहीं, बिलासपुर स्टेशन का भी कायाकल्प हो रहा है। 435 करोड़ खर्च कर रेलवे इस स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने के लिए तैयारी कर रही है। इस योजना के तहत जोनल स्टेशन का नया मॉडल भी बना लिया गया है। जोनल स्टेशन में तीन प्लेटफार्म छह, सात और आठ ऐसे हैं, जहां कटनी रेलखंड की ट्रेनें छूटती हैं। इन ट्रेनों में नर्मदा, रीवा, भोपाल एक्सप्रेस के अलावा बिलासपुर-शहडोल, बिलासपुर-चिरमिरी पैसेंजर जैसी ट्रेनें शामिल हैं। इन ट्रेनों का परिचालन उसलापुर स्टेशन में शिफ्ट किए बिना लाइन विस्तार का कार्य संभव नहीं है। इसलिए रेलवे इस पर जोर दे रही है। बमुश्किल तीन से चार महीने में इस स्टेशन से इन ट्रेनों का परिचालन की उम्मीद है। रेलवे का मानना है कि जब तक अधिक से अधिक ट्रेनों का स्टापेज या परिचालन प्रारंभ नहीं होगा, उस स्टेशन का कद नहीं बढ़ेगा। इसी के तहत पिछले साल रायपुर से आने वाली ट्रेनों का स्टापेज उसलापुर किया गया है। नई व्यवस्था के तहत ट्रेन सीधे दाधापारा से उसलापुर पहुंचती हैं।
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बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर दवाब होगा कम
बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर अधिक ट्रेनों की ठहराव की वजह से कहीं न कहीं जोनल स्टेशन में ट्रेनों का दबाव रहता है। इसी दबाव के चलते ट्रेनों को आउटर पर भी रोकना पड़ता है। कई बार मेल, आजाद हिंद एक्सप्रेस को दाधापारा रेलवे यार्ड में रोका गया है। हालांकि, यह स्थिति केवल जोनल स्टेशन में प्लेटफार्म पर जगह नहीं होने के कारण होती है। यदि कटनी रेलमार्ग की इन ट्रेनों को उसलापुर स्टेशन से रवाना किया जाता है और वापसी में इसी स्टेशन में परिचालन समाप्त किया जाता है, तो जोनल स्टेशन में काफी हद तक दबाव कम होगा।
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