BILASPUR NEWS. राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में केविएट दायर किया है। यह केविएट प्रदेश में हाईस्कूल व हायर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य पद पर पदोन्नति का मामला हाईकोर्ट पहुंचने की आशंका से दायर किया है। इस केविएट में स्कूल शिक्षा विभा गने हाईकोर्ट से अनुरोध किया है कि पदोन्नति मामले में चुनाती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान उनका भी पक्ष सुना जाए।
बता दें, प्रदेश के अनेक विद्यालयों में नियमित प्राचार्य हायर सेकेण्डरी स्कूल व हाई स्कूल की कमी के अलावा शिक्षकों की आगामी पदोन्नति के लिए शिक्षा विभाग ने पदोन्नति का निर्णय लिया है। इसमें पदोन्नति नियम 2019 में निहित प्रावधाानों के अंतर्गत व्याख्याता, एलबी व टी एवं ई संवर्ग के प्राचार्य हायर सेकेण्डरी स्कूल के पद भरे जाएंगे।
इसके लिए हायर सेकेण्डरी व हाई सकूल टी संवर्ग के कुल 2058 पद स्वीकृत है। इनमें कुल 1567 पद रिक्त है। वहीं 10 प्रतिशत पद सीधी भर्ती के लिए तथा अन्य 1410 पद पदोन्नति के माध्यम से नियुक्ति के लिए आरक्षित है। इसमें टी संवर्ग के व्याख्याता, एलबी प्रधानाध्यापक के पद से पदोन्नति नियम के तहत होगी।
केविएट दायर करने की वजह
राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में केविएट दायर किया है। इसकी वजह यह है कि विभाग को आशंका है कि पीड़ित व्यक्ति या प्रस्तावित याचिकाकर्ता प्राचार्य उच्चतर माध्यमिक या हाई स्कूल में ई संवर्ग के पद पर पदोन्नति के लिए शुरू की जाने वाली कार्यवाही को चुनौती देने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
इस वजह से ई और टी संवर्ग के तहत माध्यमिक व हाई स्कूल तथा इस संबंध में निर्धारित मानदंडों के मुताबिक याचिकाओं के माध्यम से अंतरिम आदेश के लिए प्रार्थना कर सकते है। ऐसे में पदोन्नति के लिए अपनाई जाने वाली कार्यवाही के खिलाफ याचिका दायर करने की स्थिति में न्याय के हित में यह आवश्यक होगा कि न्याय के उद्देश्य से किसी भी अंतरिम, स्थगन या सुरक्षात्मक आदेश को पारित करने से पहले छत्तीसगढ़ सरकार को सुनवाई का अवसर दिया जाएगा।