BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में अरपा नदी में अवैध खनन से नदी में तीन बच्चियों के डूबने से मौत के मामले में याचिका दायर की गई है। याचिका की सुनवाई डिवीजन बेंच में हुई। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि खनिज विभाग के सिर्फ पेनाल्टी लगाने से काम नहीं चलेगा, ऐसे मामलों में अवैध उत्खनन करने वालों पर एफआईआर दर्ज करें। इतना ही नहीं कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा और पूछा कि अरपा नदी के संरक्षण व संवर्धन के लिए क्या कर रहे हैं कोई योजना बनाई भी है या नहीं। इसकी जानकारी देने के निर्देश भी दिए है।
बता दें, अरपा नदी में लगातार खनन के मामले सामने आ रहे है। पिछले साल 17 जुलाई 2023 को अवैध खनन से हुए गड्ढों में भरे पानी में डूबकर सेंदरी के पास तीन बच्चियों की मौत हो गई थी।
इस मामले को हाईकोर्ट ने जनहित मामला मानकर सुनवाई शुरू की है। इसके साथ ही अरपा नदी में अवैध खनन व गंदगी को लेकर भी दायर जनहित याचिका की सुनवाई अभी लंबित है।
इन सभी मामलों की सुनवाई हाईकोर्ट में एक साथ चल रही है। अरपा अर्पण महाअभियान समिति ने एडवोकेट अंकित पांडेय के माध्यम से जनहित याचिका दायर की है। इसमें बताया गया कि पहले अरपा में रेत उत्खनन नहीं होता था अभी अरपा का जल स्तर 130 से 108 फीट नीचे जाने की बात भी बताई गई है।
खुदाई के दौरान की जा रही नियमों की अनदेखी
याचिका में बताया गया है कि अरपा नदी में अवैध उत्खनन जानलेवा साबित हो सकता है। रेत उत्खनन में नियमों को ताक पर रखा जा रहा है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूशनल के निर्देशों का भी पालन नहीं किया जा रहा है और नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
पौध रोपण व अवैध घाटों को बंद करने की मांग
इस याचिका में अरपा नदी के संरक्षण व संवर्धन के लिए नदी के किनारे पौधरोपण करने की मांग की गई है। इसके अलावा अवैध रेत घाट को बंद करने की भी मांग है।
इस याचिका में अरपा नदी पर दोमुहानी गांव से लेकर सेंदरी और घुटकू तक खनिज विभाग की मिलीभगत से रेतमाफियाओं के द्वारा जगह-जगह गड्ढे व खाई बनाने का भी आरोप लगाया है।