NEW DELHI. लोकसभा चुनाव से पहले देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू कर दिया गया है। चार साल पहले यह यह बिल संसद के दोनों सदनों में पारित हुआ है। इसके लिए केंद्र सरकार ने CAA का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसके तहत अब तीन पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिल सकेगी इसके लिए उन्हें केंद्र सरकार द्वारा तैयार किए गए ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना होगा।
वहीं, दूसरी ओर, केंद्र द्वारा अधिसूचना जारी किए जाने के बाद दिल्ली, उत्तर समेत कई राज्यों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। देश के अन्य हिस्से के लोगों को इन क्षेत्रों में जाने के लिए अनुमति लेनी पड़ती है। इन क्षेत्रों में सीएए लागू नहीं होगा।
ऐसे जानिए कानून के बारे में और कैसे कर सकते हैं आवेदन
- इस कानून के दायरे से पूर्वोत्तर के अधिकतर आदिवासी बहुल इलाकों को बाहर रखा गया है। अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मिजोरम और मणिपुर में इनर लाइन परमिट लागू है।
- पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से 31 दिसंबर 2014 से पहले आने वाले हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी समुदाय के शरणार्थी भारत की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- गृह मंत्रालय ने पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन किया है और इसके लिए पोर्टल भी लांच किया जा रहा है। सीएए को अधिसूचित किए जाने के बाद नागरिकता के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
- इसके लिए बनाए गए पोर्टल पर पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले पात्र अल्पसंख्यक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। आवेदन की जांच कर गृह मंत्रालय उन्हें नागरिकता का सर्टिफिकेट जारी कर देगा।
- आवेदन के लिए संबंधित देश से आने का कोई प्रमाणपत्र देने की जरूरत नहीं होगी। आवेदक को सिर्फ यह साबित करना होगा कि वह 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आ गया था।
- भारत में कम-से-कम 12 महीने बिताने के बाद ही यहां की नागरिकता चाहने वाले लोग सीएए के तहत आवेदन के पात्र माने जाएंगे।
- आवेदकों को यह घोषणा करनी होगी कि वे वर्तमान नागरिकता को त्याग रहे हैं और भारत को स्थायी घर बनाना चाहते हैं।
- आवेदन स्वीकार किए जाने के बाद आवेदकों को शपथ लेनी होगी कि वे विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची आस्था और निष्ठा रखेंगे।