CHANDIGARH. किसानों को अांदोलन तेज होता जा रहा है। इस बीच, बैठकों को दौर भ चल रहा है। हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों ने सोमवार देर रात मक्का, कपास, उड़द और अरहर पर MSP लागू करने के सरकार के प्रस्ताव को नामंूजर कर दिया।
इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा (नेशनल) ने भी प्रस्ताव खारिज कर दिया था। इधर, किसान मोर्चा ने 21 से दिल्ली में दो दिवसीय बैठक बुलाई। संगठन भाजपा नेताओं के घरों पर प्रदर्शन करेगा।
दूसरी तरफ, हरियाणा सरकार ने पंजाब के साथ लगती शंभू और खनौरी बॉर्डर सहित सभी उन मार्गों पर सुरक्षा कड़ी कर दी, जो पंजाब-हरियाणा को जोड़ते हैं। आशंका है किसान छोटे मार्गों से होते हुए दिल्ली कूच कर सकते हैं।
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि 4 फसलों पर एमएसपी से पूरे देश के किसानों का फायदा नहीं होगा। हम चाहते हैं कि सभी 23 फसलों पर एमएसपी मिले। आंदोलनकारी किसानों का नेतृत्व कर रहे सरवन सिंह पंढेर ने कहा, हम बुधवार सुबह 11 बजे तक स्टैंडबाई हैं। तब तक सरकार रुख स्पष्ट करे।
वहीं, किसान संगठनों की ओर से कहा गया कि MSP पर कानून से सरकार पर किसी तरह का बोझ नहीं पड़ रहा है। किसान आंदोलन में शामिल संगठनों ने केंद्र सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि हमें सरकार का प्रस्ताव मंजूर नहीं है।
हरियाणा में 8 लेयर सिक्योरिटी की, छोटे गांवों की नाकेबंदी
हरियाणा ने बॉर्डर मार्गों पर 3 लेयर सिक्योरिटी को 8 लेयर में बदलना शुरू कर दिया है। इसे तोड़ना मुश्किल होगा। इसमें पैरा मिलिट्री व आर्म्ड फोर्स है। पंजाब से सटे गांवों और 28 इंटरलिंक मार्गों पर पैरा मिलिट्री तैनात कर नाकेबंदी की गई है। स्टेट और नेशनल हाईवे पर चलने वाले हर ट्रैक्टर की जांच के आदेश दिए हैं।
बॉर्डर की ओर जा रही जेसीबी व क्रेनों की निगरानी, आशंका होने पर जब्त भी की जा रही। किसान संगठनों ने लंगर-पानी, टैंट, मेडिकल सुविधाएं और फ्रंट मोर्च पर डटने वाली टीमें बनाईं। बैरिकेड्स तोड़ने वाली टीमें भी बनाईं, इनमें अधिकतर वहीं सदस्य, जिन्होंने 2020 आंदोलन में बैरिकेड्स तोड़ दिल्ली जाने में अहम भूमिका निभाई थी।