RAIPUR/JASHPUR. छत्तीसगढ़ समेत देश के कई राज्यों में वाहन चालकों ने हड़ताल शुरू कर दी है। मामला हिट एंड रन कानून का है, जिसके विरोध में ड्राइवर सड़क पर उतर गए हैं। इस विरोध का छत्तीसगढ़ में मिला जुला असर देखने को मिल रहा है। हालांकि जशपुर और दक्षिण छत्तीसगढ़ के बस्तर में ज्यादा असर देखने को मिला।
जानकारी के अनुसार हड़ताल की वजह से जशपुर में बस स्टैंड से यात्री बसें रवाना नही हो पाईं। ट्रकों, डंपरों के पहिए भी थम गए हैं। यात्री बस स्टैंड आने के बाद परेशान होकर अपने घर वापस जाने के लिए विवश हो रहे हैं। वाहन चालक संघ के सदस्यों ने आज बस स्टैंड पर एकत्र होकर जमकर नारेबाजी की और सरकार से काला कानून वापस लेने की मांग की है। हड़ताल पर बैठे वाहन चालकों ने बताया कि हमारी मांग जब तक पूरी नहीं की जाएगी तब तक हड़ताल जारी रहेगी। प्रदेश के कई शहरों में बसों का परिचालन बंद होने से यात्री परेशान हो रहे है। हड़ताल से लंबी दुरी से लेकर लोकल बसो के भी पहिये थम गए हैँ। हड़ताल का फायदा उठा कर, यात्रियों को बैठने के लिए पहुंचे, टैक्सी और चार पहिया वाहन चालकों से, बस ड्राइवरों की झड़प भी हुई। हालांकि पुलिस ने समझाकर मामला शांत किया।
इस कानून के विरोध में ड्राइवर
केंद्र सरकार द्वारा कानून में किए गए संशोधन के तहत सड़क हादसे के बाद मौके से भागने वाले चालक को 10 साल की सजा और 8 लाख रुपये के जुर्माने का प्रविधान किया जा रहा है। हमारी मांग है कि सरकार इस काले कानून को वापस ले। एक्सीडेंट की घटना ड्राइवर कभी भी जानबूझकर नहीं करते हैं। वाहन चालक के खिलाफ एक्सीडेंट करने पर कानून मे किये जा रहे संशोधन को निरस्त किया जाए। दुर्घटना के बाद चालक मौके से नहीं भागे तो जमा हुई भीड़ मारपीट करने के साथ कई बार जान तक ले लेती है। वहीं दूसरी ओर सरकार द्वारा जो जुर्माना और सजा का प्राविधान किया है उसमे गरीब ड्राइवर कहां से राशि जमा भरेंगे और दस साल की सजा होने पर परिवार का भरण पोषण कैसे होगा। ड्राइवर यूनियन ने सामूहिक रूप से नए कानून में संशोधन करने की मांग की है।