BHILAI. बीएसपी के मुख्य कार्यालय में 42 इंधन चलित वाहनों की जगह इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करने का फैसला लिया गया हैं। इसके तहत पेट्रोल/डीजल से चलने वाले वाहनों की जगह, महाप्रबंधकों को उनके कार्यालयों में कुल 42 इलेक्ट्रिक वाहन दिए जाएंगे।
इस अहम निर्णय में भिलाई संयंत्र ने टाटा मोटर्स से 42 नये इलेक्ट्रिक वाहन ‘टिगोर‘ लिए हैं। जो की पर्यावरण के प्रति सजगता प्रदर्शित करती है। 12 मई, 2023 को टाटा मोटर्स ने सेल भिलाई इस्पात संयंत्र को प्रथम चरण में 22 नई टिगोर ईवी वाहन प्रदान किये। जिसके निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता ने टाटा मोटर्स के जोनल मैनेजर नितुल शर्मा से इन वाहनों की पहली खेप सेक्टर-7 स्थित टाउनशिप गैरेज में आयोजित समारोह में प्राप्त की।
इस अवसर पर भिलाई संयंत्र के कार्यपालक निदेशक, अंजनी कुमार, कार्यपालक निदेशक डाॅ ए के पंडा, कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएं) एवं अतिरिक्त प्रभार कार्यपालक निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) एस मुखोपाध्याय सहित भिलाई संयंत्र के मुख्य महाप्रबंधकगण व वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन संयंत्र के उप महाप्रबंधक एन के साहू द्वारा किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में भिलाई संयंत्र के निदेशक अनिर्बान दासगुप्ता ने टाटा मोटर्स को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन, इको-फ्रेंडली परिवहन की दिशा में हमारे टीम के लिये बड़ा कदम हैं। उनका कहना है कि, जितनी जल्दी हम इलेक्ट्रिक वाहन अपनाएंगे, उतने जल्दी पेट्रोलियम पर निर्भरता से मुक्ती पाएंगे।
पिछले कुछ वर्षों में भिलाई सयंत्र ने हरित प्रौद्योगिकी को विकसित करने की दिशा में कई उपाय किए हैं। भिलाई सयंत्र ने वैश्विक पहल के अनुरूप कार्बन उत्सर्जन को कम करने और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए हरित उपायों को अपनाने के लिए, वर्ष 2030 तक 2.58 टन/टीसीएस की वर्तमान उत्सर्जन दर से सीओ2 उत्सर्जन को 1.98 टन/टीसीएस तक कम करने के लिए एक कार्य योजना तैयार की है। जिसमें इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कई हरित प्रौद्योगिकी प्रकिया में है। यह पहल भी इसी प्रक्रिया का हिस्सा हैं।
भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन ने मुख्य महाप्रबंधक कार्यालयों द्वारा इस यात्रा में प्रयोग कर कई नये तकनिकी अपनाये और इस दिशा में एक सकारात्मक कदम उठाया।
उत्सर्जनों को कम करने में टाटा की टिगोर मॉडल के 22 इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की पहली खेप 12 मई, 2023 को वितरित की गई। वहीं औसतन के एक मध्यम आकार की इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) कार अपने जीवनचक्र के दौरान लगभग 6 टन कम सीओ₂ का उत्सर्जन करेगी, तो कुल 42 इलेक्ट्रिक वाहन EV कारें, वातावरण में लगभग 252 टन कम सीओ₂ उत्सर्जित करेंगी।
भिलाई इस्पात संयंत्र का यह उपाय न केवल जलवायु परिवर्तन बल्कि यह जलवायु परिवर्तन के खतरे को कम करने में एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट नागरिक के रूप में संगठित होकर समान विचारधारा वाले उद्योगों को एक स्पष्ट संदेश भी भेजता हैं।