BILASPUR NEWS. छत्तीसगढ़ में नेशनल हाईवे पर लगातार हो रही मवेशियों की मौत को लेकर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने राज्य सरकार और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) को लताड़ लगाते हुए कहा कि मवेशियों को बचाने के लिए अब तक किए गए प्रयास नाकाफी हैं। कोर्ट ने इस मामले में मुख्य सचिव और एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर से शपथपत्र (एफिडेविट) के माध्यम से जवाब मांगा है।
बता दें, हाईकोर्ट ने कहा कि हाईवे पर मवेशियों की आवाजाही रोकने के लिए यदि समुचित उपाय किए गए होते तो इस तरह की घटनाएं नहीं होतीं। कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सरकार इस मामले में गंभीरता नहीं दिखा रही है और प्रशासनिक लापरवाही के कारण बेजुबान मवेशियों की जान जा रही है।
कोर्ट ने यह टिप्पणी एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दी, जिसमें बताया गया था कि हाईवे निर्माण के बाद चारदीवारी, अंडरपास या अन्य कोई सुविधा नहीं होने से मवेशी सीधे सड़क पर आ जाते हैं, जिससे वे दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं।
हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख तक दोनों अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट और भविष्य की कार्ययोजना प्रस्तुत करने को कहा है। साथ ही यह भी पूछा है कि अब तक मवेशियों की सुरक्षा के लिए क्या ठोस कदम उठाए गए हैं। यह मामला अब केवल एक सड़क सुरक्षा का नहीं, बल्कि पशुओं के जीवन की रक्षा से जुड़ा बड़ा मुद्दा बन चुका है। हाईकोर्ट के सख्त रुख से उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार और एनएचएआई इस दिशा में जल्द ही ठोस कदम उठाएंगे।