MUMBAI NEWS. बच्चों के लिए एक अच्छी खबर है। अब 10 साल से बड़े बच्चे भी खुद से सेविंग्स या टर्म डिपॉजिट अकाउंट खोल और चला सकते हैं। इसके लिए आरबीआई की ग्रीन सिग्नल मिल गया है। हालांकि, बैंक इसके लिए अपनी रिस्क मैनेजमेंट पॉलिसी के अनुसार शर्तें तय कर सकते हैं। अब तक किसी भी उम्र के बच्चे अपने माता-पिता या कानूनी अभिभावक के जरिए सेविंग्स या टर्म डिपॉजिट अकाउंट खोल सकते थे। लेकिन, इनको ऑपरेट अभिभावक ही करते थे।
आरबीआई ने यह भी स्पष्ट किया है कि माइनर के अकाउंट, चाहे वे खुद ऑपरेट करें या अभिभावक के जरिए, कभी भी ओवरड्राफ्ट में नहीं जाने चाहिए। यानी अकाउंट में हमेशा बैलेंस पॉजिटिव रहना चाहिए। इसके लिए बैंकों को 1 जुलाई 2025 तक नियम बनाने को कहा गया है। बैंक चाहें तो माइनर अकाउंट होल्डर्स को इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम/डेबिट कार्ड, चेक बुक जैसी सुविधाएं भी दे सकते हैं।
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RBI के सर्कुलर में कहा गया, कि कम-से-कम दस वर्ष की आयु सीमा और उससे ऊपर के नाबालिगों को उनकी इच्छा पर स्वतंत्र रूप से बचत/सावधि जमा खाते खोलने और संचालित करने की अनुमति दी जा सकती है। इसमें बैंक अपने जोखिम प्रबंधन नीति को ध्यान में रखते हुए राशि और शर्त तय कर सकते हैं। इस बारे में जो भी नियम और शर्तें तय की जाती हैं, उस बारे में खाताधारक को जानकारी दी जाएगी।
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बताया गया कि जब माइनर 18 साल का हो जाएगा, तब बैंक को उससे नए ऑपरेटिंग इंस्ट्रक्शन और सिग्नेचर सैंपल लेने होंगे और रिकॉर्ड में रखने होंगे। आरबीआई ने कहा कि इसके अलावा, बैंक नाबालिगों के जमा खाते खोलने के लिए ग्राहक की उचित जांच-पड़ताल करेंगे और इसे आगे भी जारी रखेंगे।
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केंद्रीय बैंक ने बैंकों से कहा है कि वे एक जुलाई, 2025 तक संशोधित दिशानिर्देशों के अनुरूप नई नीतियां बनाएं या मौजूदा नीतियों में संशोधन करें। इसके अलावा, वयस्क होने पर खाताधारक के नए संचालन निर्देश और नमूना हस्ताक्षर प्राप्त किए जाने चाहिए और उन्हें रेकॉर्ड में रखा जाना चाहिए।
आरबीआई के अनुसार बैंक अपनी जोखिम प्रबंधन नीति, उत्पाद और ग्राहकों के आधार पर नाबालिग खाताधारकों को इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम/डेबिट कार्ड, चेक बुक सुविधा आदि जैसी अतिरिक्त सुविधाएं देने के लिए स्वतंत्र हैं।