BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट रजिस्ट्रार जनरल ने जजों के लिए आदेश जारी किया है। आदेश में रजिस्ट्रार जनरल ने कहा है कि अब चल-अचल संपत्ति के संबंध में जानकारी देते समय सभी जिला न्यायलय व अधीनस्थ न्यायालयों में पदस्थ जजों को दस्तावेज पेश करना होगा। साथ ही यह भी जानकारी देने होगी कि कब-कब किन अफसरों से अनुमति ली गई है। यही नहीं उनके पास कितना दो पहिया और चार पहिया वाहन हैं कितनी कीमत है सभी जानकारी साफ-साफ देनी होगी।
बता दें, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल विजिलेंस ने प्रदेशभर के जिला अदालतों के अलावा परिवार न्यायालय, वाणिज्यिक न्यायालय में पदस्थ जजों से संपत्ति का ब्योरा मांगा है। इसमें अचल, चल संपत्ति की खरीदी-बिक्री के संबंध में जानकारी देनी होगी।
छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम, 19 के प्रविधानों के तहत जानकारी पेश करने को कहा गया है। इसके लिए निर्धारित प्रपत्र जारी किया गया है। इसमें ही मापदंडों के अनुसार जानकारी देनी होगी।
रजिस्ट्रार सतर्कता ने मेमोरेंडम जारी कर यह जानकारी मांगी है। इसके अलावा रजिस्ट्रार निरीक्षण एवं पूछताछ ने भी अपनी तरफ से कहा है कि यह देखा गया है कि जो न्यायिक अधिकारी चल या अचल संपत्ति खरीदना चाहते हैं वे उक्त सपंत्ति के बारे में पूरी जानकारी जमा नहीं करते है। जिससे आवदेन के निपटारे में अनावश्यक विलंब होता है।
सभी के लिए किया अनिवार्य
केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के अलावा जिला न्यायालयों में पदस्थ जजों को संपत्ति की घोषणा को अनिवार्य कर दिया है। संसदीय समिति को इस संबंध में स्पष्अ जानकारी देने और प्रविधान बनाने के बाद इसे अनिवार्य कर दिया गया है। केन्द्र सरकार के निर्देशों को अब प्रभावी तौर पर अमल प्रारंभ हो गया है।
इसी कड़ी में रजिस्ट्रार जनरल विजिलेंस ने बिलासपुर, दुर्ग, रायपुर, जांजगीर-चांपा के प्रधान न्यायाधीश, प्रथम अपर प्रधान न्यायाधीश, द्वितीय अपर प्रधान न्यायाधीश, तृतीय अपर प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय के अलावा बस्तर (जगदलपुर), बालोद, बलौदाबाजार, बेमेतरा, दक्षिण बस्तर (दंतेवाड़ा), धमतरी, जशपुर, कबीरधाम (कवर्धा), उत्तर बस्तर (कांकेर), कोंडागांव, कोरबा, मनेन्द्रगढ़, मुंगेली, महासमुंद, रायगढ़, राजनांदगांव, सूरजपुर, सरगुजा, अंबिकापुर परिवार न्यायालय के न्यायाधीशों को भी संपत्ति की जानकारी पेश करने के दायरे में रखा है।