इंदौर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 फरवरी को एशिया का सबसे बड़े बायो सीएनजी प्लांट का वर्चुअल लोकार्पण करने जा रहे हैं। यहां कचरे से ऊर्जा बनाई जा रही है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम शिवराज सिंह चौहान भी इस कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल होंगे। करीब 400 से ज्यादा निकायों में इसका सीधा प्रसारण किया जाएगा।
बायो सीएनजी प्लांट नगर निगम इंदौर की इनकम तो बढ़ाएगा ही। साथ ही शहर की यातायात परिवहन सुविधा आसान होगी। इससे शहर की हवा को प्रदूषण से बचाया जा सकेगा। इस प्लांट से नगर निगम कार्बन क्रेडिट कर आठ करोड़ रुपए हासिल करेगा। बताते चलें कि लगातार स्वच्छता रैंकिंग में पहले पायदान पर बने हुए इंदौर के लिए यह एक और बड़ी उपलब्धि होगी।
इंदौर का यह प्लांट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वेस्ट-टू-वेल्थ सोच पर आधारित है। नगर निगम इंदौर ने ये प्लांट लगाया है। इसमें 550 मीट्रिक टन गीले कचरे से 17500 किलोग्राम बायो सीएनजी और 100 टन हाई क्वालिटी की ऑर्गेनिक खाद रोज बनाई जाएगी। ये प्लांट पूरे एशिया महाद्वीप में जैविक अपशिष्ट से बायो सीएनजी का सबसे बड़ा और देश का पहला प्लांट है। शहर के देवगुराडिया ट्रेंचिंग ग्राउंड पर बनाया गया यह बायो सीएनजी प्लांट पीपीपी मॉडल पर आधारित है।
प्लांट लगाने में नगर निगम को पैसा खर्च नहीं करना पड़ा बल्कि प्लांट लगाने वाली एजेंसी IEISL नई दिल्ली नगर निगम इन्दौर को सालाना 2.50 करोड़ रुपए प्रीमियम के रूप में देगी। इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह का कहना है ये सौभाग्य की बात है कि उन्होने ही इस प्लांट का शिलान्यास कराया था और अब लोकार्पण भी उनके सामने होगा। प्लांट लगने से इंदौर विश्व के टॉप शहरों में आ जाएगा।