BILASPUR NEWS. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने तल्ख लहजे में कहा कि अगर सरकार को काम नहीं करना है तो स्पष्ट रूप से लिखकर दे दे कि वो कुछ नहीं कर पाएगी, ताकि अदालत उस जनहित याचिका (PIL) को समाप्त कर दे।
बता दें, बिलासा देवी एयरपोर्ट के विकास में हो रही देरी व लेटलतीफी को लेकर हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान जमकर फटकार लगाई है। एयरपोर्ट के डेवलपमेंट, 3सी से 4सी कैटेगरी में अपग्रेड करने, नाइट लैंडिंग की सुविधा, महानगरों के लिए सीधी उड़ान की मांग करते हुए दो जनहित याचिकाएं लगाई गई थी।
इसकी सुनवाई सालों से चल रही है। सुनवाई दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने केन्द्र व राज्य सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि राज्य व केन्द्र दोनों जगह आपकी ही सरकार है, फिर भी यह हाल है। अधिकारियों के बॉडी लैंग्वेज से लगता ही नहीं कि वे कुछ करना चाहते हैं। हाईकोर्ट ने प्रदेश मुख्य सचिव और रक्षा मंत्रालय के सचिव से अगली सुनवाई में शपथ पत्र के साथ काम की प्रगति की जानकारी मांगी है।
यह टिप्पणी उस मामले में आई है जिसमें लंबे समय से सरकार की ओर से अपेक्षित जवाब नहीं दिया जा रहा था। कोर्ट ने कहा कि पीआईएल का मकसद जनहित है और सरकार की निष्क्रियता से लोगों के अधिकार प्रभावित हो रहे हैं। न्यायालय ने सरकार को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि वह अगली सुनवाई में स्पष्ट स्थिति प्रस्तुत करे, वरना अदालत को कठोर आदेश देने पड़ सकते हैं।
हाईकोर्ट का यह रुख बताता है कि अब वह राज्य सरकार की निष्क्रियता को लेकर अधिक समय तक इंतजार करने के मूड में नहीं है। पीआईएल जैसे गंभीर मामलों में अगर समय पर जवाब नहीं दिया जाता, तो इससे न्याय प्रक्रिया और जनहित दोनों प्रभावित होते हैं। अदालत ने राज्य सरकार से अगली सुनवाई में विस्तृत और ठोस जवाब पेश करने को कहा है। मामले की सुनवाई आगामी तारीख पर होगी।