UTTAR PRADESH NEWS. उत्तर प्रदेश में ऊर्जा विभाग टीओडी (टाइम ऑफ डे) टैरिफ नियम लागू करने का सोच रहा है। इसकी तैयारी भी कर ली गई है। यानि दिन और रात की बिजली दर अलग-अलग होंगी। यदि ऐसा हो गया, तो उपभोक्ताओं को बिजली बिल का बोझ और बढ़ जाएगा। प्रदेश में टीओडी की व्यवस्था लागू न होने पाए, इसके लिए उपभोक्ता परिषद ने भी मोर्चा खाेल सम्भाल लिया है।
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उत्तर प्रदेश में बिजली की दरें महंगी हो सकती हैं। क्योंकि पूरे प्रदेश में एक नई व्यवस्था लागू की जा रही है। इस नई व्यवस्था के तहत दिन और रात की बिजली की दरें अलग-अलग होंगी। इसे टाइम ऑफ डे (टीओडी) टैरिफ कहा जाता है। इस व्यवस्था के लागू हो जाने से घरेलू उपभोक्ताओं के जेब पर भारी पड़ने वाला है। घरेलु उपभोक्ताओं के बिल में 10 से 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
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गौरतलब है कि यह व्यवस्था भारी और लघु उद्योगों पर पहले से ही लागू है, लेकिन अब इसे अप्रैल 2025 से सभी उपभोक्ताओं लागू कर दिया जाएगा। लघु और भारी उद्योग के अलावा घरेलु उपभोक्ताओं पर भी यह व्यवस्था लागू हो जाने की स्थिति में उपभोक्ताओं पर 10 से 20 फीसद तक महंगा बिल भरना होगा। जिससे लोगों की और भी मुश्किल बढ़ जाएंगी।
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उपभोक्ता परिषद लडे़गा कानूनी लड़ाई
हालांकि प्रदेश में टीओडी लागू किए जाने का विरोध भी शुरू हो गया है। इस सम्बन्ध में उपभोक्त परिषद के उध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने मोर्चा सम्भाल लिया है। उन्होंने कहा है कि टाइम ऑफ डे टैरिफ जैसी कोई भी व्यवस्था जिससे उपभोक्ताओं को इस बढ़ती महंगाई में बोझ बनती हो, उसे कभी लागू नहीं होने दिया जाएगा। इसके लिए यदि कानूनी लड़ाई भी लड़ना पडे़, तो वह भी लडे़ंगे।
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इसको लेकर ऊर्जा विभाग का कहना है कि यह व्यवस्था उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद साबित होगी। क्योंकि इससे वे बिजली की पीक ऑर्वस में इलक्टट्रॉनिक वस्तुओं को कम चलाकर बिजली खर्च बचा सकेंगे।
उपभोक्ताओं की बढ़ीं चिन्तायें
वहीं खबर लगते ही उपभोक्ताओं की भी चिंता बढ़ गई है। नाम गुप्त रखने की शर्त पर एक उपभोक्ता ने बताया कि यह नियम पूरी तरह से निराधार है। इससे सरकार को फायदा होगा। जबकि उपभोक्ताओं के ऊपर महंगाई का बोझ बढ़ेगा और उन्हें ज्यादा बिल चुकाना पड़ेगा।
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