RAIPUR. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में गुरुवार को दो दिवसीय कलेक्टर कॉन्फ्रेंस शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में मुख्य सचिव, विभागीय सचिवों सहित सभी संभागायुक्त और मौजूद हैं। इस दौरान CM साय कलेक्टरों को हिदायत देते हुए खुद कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी है। सीएम साय ने कहा कि राज्य शासन की योजनाएं पूरी पारदर्शिता के साथ अंतिम पात्र व्यक्ति तक पहुंचे, इससे लोगों को योजनाओं का सही लाभ मिल सके।
बैठक के दौरान सीएम ने कुछ जिलों में आम जनता और स्कूली छात्रों से दुर्व्यवहार की घटनाओं पर सख्त नाराजगी जताई है। भाषा के संयम को लेकर विशेष हिदायत देते हुए सीएम साय ने कहा कि आपके अधिकारियों से भाषा का संयम चुका तो कार्रवाई करें। अगर आपसे ऐसी गलती हुई तो मैं कार्रवाई करूंगा। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि स्थानीय स्तर की समस्याएं वहीं निपटे, छोटी-छोटी समस्याओं को लेकर लोगों को राजधानी न आना पड़े। बता दें कि दरअसल, पिछले दिनों बिलासपुर में अफसर ने विरोध प्रदर्शन कर रही स्कूली छात्राओं को और राजनांदगांव में शिकायत लेकर पहुंची छात्राओं को अफसरों ने जेल भेजने की धमकी दी थी। वहीं छात्र-छात्राओं से अभद्रता और मारपीट के भी मामले आए हैं।
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इस दौरान CM साय ने कहा कि सभी फलैगशिप योजनाओं में सैचुरेशन के लक्ष्य को ध्यान में रखकर कार्य करें। पिछले 9 महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की गारंटी के अनुरूप प्रदेश को संवारने की दिशा में प्रयास किया गया है, किन्तु विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने के लिए कठिन परिश्रम की आवश्यकता है। यह भी कहा कि जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाई गई जन समस्याओं पर त्वरित और प्रभावी कदम उठाएं।
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दूसरी ओर, राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक में भी मुख्यमंत्री के कड़े तेवर दिखाए। सारंगढ़ में राजस्व मामलों की धीमी गति पर सीएम साय ने नाराजगी जताते हुए कहा कि राजस्व सम्बंधित सभी कार्य समय-सीमा पर पूरे हों। कलेक्टर को राजस्व मामलों को तेज गति से निपटाने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा कि सीमांकन जनता से जुड़ा विषय है जो आदेश है उसका सीमांकन हो जाये। नागरिक छोटे छोटे त्रुटि के लिए भटकते रहते हैं। जल्द से जल्द निराकरण हो इसका ख्याल रखें।
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