BHILAI. भिलाई में हथखोज इंजीनियरिंग पार्क स्थित पानी टंकी में वाल्व सुधारने के लिए अंदर गए पंप ऑपरेटर की मौत हो गई है। पुलिस ने SDRF की टीम को रेस्क्यू के लिए बुलाया। इसके बाद गोताखोरों ने टंकी के अंदर उतरकर लाश को बाहर निकाला। जानकारी के अनुसार जिस व्यक्ति की मौत हुई है, उसका नाम दुर्गेश ठाकुर है। वह पंप ऑपरेटर के पद पर वहीं पदस्थ था। वाल्व खराब होने से दो दिन से पानी टंकी में पानी ठीक से नहीं जा रहा था। बुधवार को भी उसने वाल्व को सुधारा था।
इसके बाद बुधवार शाम को फिर से वाल्व में खराबी आई तो वो उसे सुधारने के लिए पानी टंकी के अंदर उतरा था। वह वॉल्व को ठीक कर ही रहा था। जैसे ही वाल्व ठीक हुआ टंकी में पानी का प्रेशर बढ़ गया।
उस प्रेशर में दुर्गेश फंस गया और बाहर नहीं निकल पाया। इससे दुर्गेश पानी की टंकी के अंदर ही गोल पानी के भंवर में फंस गया। उसके साथ कोई ना होने से वो वहीं फंसा रहा और दम तोड़ दिया। सुबह जब उसका कहीं पता नहीं चला तो लोगों ने उसे खोजना शुरू किया। जब पानी के टंकी के अंदर देखा तो वहां किसी की लाश तैरती हुई दिखी।
इसके बाद पुलिस को बुलाया गया। भिलाई तीन पुलिस ने SDRF की टीम को दुर्ग से बुलाया। SDRF की टीम के 2 सदस्य टंकी के अंदर उतरे और डीप ड्राइविंग के जरिए मृतक दुर्गेश ठाकुर को बाहर निकाला। 32 वर्षीय मृतक दुर्गेश ठाकुर कबीरधाम जिले के ग्राम बांदा का रहने वाला था। वह भिलाई तीन चरोदा नगर निगम में प्लेसमेंट कर्मचारी के रूप में कार्यरत था। पुलिस ने उसके शव को सुपेला अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पीएम के बाद शव परिजनों के हवाले कर दिया गया है।
दूसरी ओर, मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया कि दुर्गेश जब टंकी के अंदर वाल्व ठीक करने उतरा था तब सेफ्टी के कोई इंतजाम नहीं थे। जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई। उन्होंने निगम प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। SDRF प्रभारी ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि मृतक का पानी की तेज बहाव के कारण पैर पाइप में फंसा हुआ था, जिससे उसकी मौत हो गई।