BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में घरौंदा सेंटरों की अव्यवस्था को लेकर याचिका दायर की गई। याचिका की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने राज्य के प्रमुख सचिव को निर्देशित करते हुए कहा कि जिन सेंटरों के पास नेशनल ट्रस्ट सर्टिफिकेट नहीं हैं उन्हें बंद करने का निर्देश दिया।
बता दें, प्रदेश में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को रखने समाज कल्याण विभाग की ओर से घरौंदा सेंटर चलाए जाते है। इन सेंटरों में भारी अव्यवस्था को लेकर जनहित याचिका दायर की गई है।
याचिकाकर्ता देवर्षी ठाकुर ने कोर्ट को बताया कि कोर्ट कमिश्नरों व शासन के रिपोर्ट में अंतर है। इसके अलावा शासन ने पिछले बजट में इस पर 9 करोड़ रुपये खर्च किया। प्रदेश में ऐसे एनजीओ चल रहे है, जिनके पास नेशनल ट्रस्ट सर्टिफिकेट ही नहीं है।
महाधिवक्ता ने दिया जवाब
महाधिवक्ता ने शासन का पक्ष रखते हुए कहा कि घरौंदा सेंटर की प्रतिमाह जांच करने का निर्देश दिया गया है। कुछ सेंटर में जगह कम है। लोग इन बच्चों के लिए मकान किराया में देने तैयार नहीं होते है। इसके साथ उन्होंने कहा कि कोर्ट कमिश्नर ही हमें कोई जगह बता दें ताकि हम सेंटर को वहां शिफ्ट कर सकें। इस पर कोर्ट ने महाधिवक्ता से कहा कोर्ट कमिश्नर क्यों करेंगे यह काम आपको करना है।
सही जगह तलाश करने का आदेश
कोर्ट ने काफी देर तक चले बहस के बाद कहा कि किसी भी एनजीओ को तभी परमिशन दे जब उसके पार नेशनल ट्रस्ट सर्टीफिकेट हो और जिनके पास ये सर्टीफिकेट नहीं है उन सभी एनजीओ को बंद करने की कार्रवाई की जाए।