बता दें कि इसके पहले भी 21 जुलाई को किरंदुल शहर में एनएमडीसी का डेम टूटने की वजह से 200 परिवारों को बाढ़ का सामना करना पड़ा था। डैम टूटने की वजह से यहां घरों में पानी घुस गया। वहीं इससे घरों में रखे सामान भी खराब हो गये थे।
शनिवार को फिर डैम टूटने की वजह से डैम का पानी नालों में पहुंचा और इसके बाद ये कॉलोनियों में घुस गया। सुबह 9 बजे अचानक पानी तेज रफ्तार से इन चारों कॉलोनियों में घुसने लगा, देखते ही देखते इस पानी ने घरों में रखा सामान खराब कर दिया। लगभग घंटे भर लोग अचानक घरों में घुसे पानी से परेशान नजर आये। घरों से जब पानी कम हुआ तो उन्हें ब्लू डस्ट का सामना करना पड़ा। घर के भीतर और आंगन में ब्लू डस्ट जम गया है। लगभग एक फीट तक ब्लू डस्ट कई घरों में देखने को मिला। लोग घंटों इस ब्लू डस्ट को हटाने में लगे रहे।
शनिवार को आयी इस तबाही में एक बार फिर 50 से 60 परिवारों को प्रभावित किया। इधर इन हालातों के बाद एक बार फिर प्रशासन ने प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया है। इधर जिला प्रशासन ने हालातों को देखते हुए जिले में अलर्ट जारी किया है। इधर शनिवार को ही वन मंत्री केदार कश्यप ने किरंदुल पहुंच हालात की जानकारी ली और प्रभावितों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।
गर्भवती महिला को खाट पर लेकर एंबुलेंस तक पहुंचाया
इधर सुकमा में भी लगातार बारिश से नदी नाला उफान पर हैं । बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। यहां तक कि गर्भवती महिला को खाट पर लेकर वाहन तक पहुंचाया जा रहा है। ग्रामीणों ने 3 किलोमीटर दूर पैदल चलकर एंबुलेंस तक गर्भवती को पहुंचाया। गांव तक सड़क नहीं होने से पैदल एंबुलेंस तक पहुंचाया। महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।