BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शिवनाथ नदी में मिली लाखों मरी हुई मछलियों के मामले में संज्ञान लिया। कोर्ट ने मामले को जनहित याचिका मानते हुए सुनवाई शुरू कर दी। कोर्ट में मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल के बेंच में हुई। कोर्ट ने भाटिया वाइंस के तर्क को फिलहाल रिकॉर्ड में दर्ज करने से इनकार कर दिया। फैसला सुनाया है कि जब तक जांच पूरी नहीं होती शराब फैक्ट्री बंद करने का आदेश जारी किया है।
बता दें, हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए संज्ञान लिया है। कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार, सचिव सह आबकारी आयुक्त, कमिश्नर, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक व सहायक आबकारी आयुक्त को पक्षकार बनाया है।
हाईकोर्ट ने कहा कि एसडीएम द्वारा पर्यावरण संरक्षण मंडल को अप्रैल माह में भेजे गए नोटिस पर की गई कार्रवाई को लेकर जवाब आने दीजिए। कोर्ट ने भाटिया वाइंस को भी पक्षकार बनाया है।
भाटिया वाइंस की ओर से तर्क दिया गया कि किसी मछली पालन करने वाले किसान ने मरी हुई मछलियों को नदी में लाकर डाला है। कोर्ट ने भाटिया वाइंस को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब मांगा है।
क्या है मामला
बीते 19 जुलाई को सरगांव क्षेत्र के एक युवक ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर शिवनाथ नदी में लाखों मछलियों के मरने की जानकारी दी थी। नदी का पानी मोहभट्टा धुमा के भाटिया वाइंस फैक्ट्री से निकलने वाले कैमिकलयुक्त पानी से प्रदूषित हो गया था। वीडियो के वायरल होने पर मामले पर हाईकोर्ट ने गंभीरता दिखाते हुए संज्ञान लिया और जनहित याचिका के तौर पर मामले की सुनवाई शुरू कर दी।