BHILAI. भिलाई स्टील प्लांट की सुरक्षा में तैनात CISF जवान और बीएसपी कर्मचारियों के बीच विवाद बढ़ गया है। आज इस संबंध में बीएसपी वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारी भिलाई इस्पात संयंत्र के आईआर विभाग पहुंचे। आई आर विभाग के साथ हुई बैठक के बाद यह तय किया गया कि कल 20 जुलाई को सीजीएम सर्विसेज से इसी मुद्दे पर बैठक की जाएगी।
बता दें कि बीते दिन सेकंड शिफ्ट की ड्यूटी पूरा करने के बाद मेन गेट से निकलते समय सीआईएसएफ द्वारा बीएसपी के यूआरएम विभाग के कर्मी के साथ किए गए अभद्र व्यवहार और धमकी के खिलाफ आज बीएसपी वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारी भिलाई इस्पात संयंत्र के आईआर विभाग पहुंचे थे।
BSP वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारी मंडल आईआर विभाग पहुंचकर आई आर विभाग के महाप्रबंधक को यूआरएम कर्मी के साथ सीआईएफ के एक अधिकारी द्वारा किए गए दुर्व्यवहार के संबंध में जानकारी दी। इस पर त्वरित कार्रवाई करने की मांग के साथ ही बीएससी वर्कर्स यूनियन ने कहा कि हर कीमत में कर्मचारियों के मान सम्मान की रक्षा करना प्रबंधन की जिम्मेदारी है ।
यूनियन ने आरोप लगाया कि जब भी कोई विवाद या संयंत्र कर्मी से दुर्व्यवहार सीआईएसएफ द्वारा किया जाता है तो सारे सीआईएसएफ के लोग इकट्ठा होकर कर्मी को दबाने का प्रयास करते हैं। परंतु बीएसपी की तरफ से कोई भी अधिकारी कार्मिक विभाग या आईआर विभाग का मौके स्थल पर उपस्थित नहीं होता है। जिस कारण से कर्मचारी अपने आप को अकेला महसूस करता है। सीआईएसएफ के लोग कर्मी के ऊपर हावी हो जाते हैं। सीआईएसएफ द्वारा पूर्व में भी कई बार कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार और यहां तक की मारपीट भी की गई है। ठेका श्रमिकों के साथ तो लगातार दुर्व्यवहार किया जाता है।
सीआईएसएफ जवान की शिकायत भी थाने में की गई, पर उस समय भी प्रबंधन ने कोई कठोर कार्रवाई नहीं की। जिस कारण से सीआईएसएफ लगातार कर्मियों के साथ गलत व्यवहार करने की हिम्मत कर रहा है । जबकि सेल के अन्य यूनिट बोकारो दुर्गापुर राउरकेला में सीआईएसएफ कर्मियों के साथ गलत व्यवहार नहीं कर पाता है। छत्तीसगढ़ का कर्मी शांत प्रवृति के हैं इसी का लाभ सीआईएसएफ और प्रबंधन ले रहे हैं।
बीएसपी वर्कर्स यूनियन ने कहा कि सेल के अन्य यूनिट में अभी तक प्रबंधन पूर्ण रूप से बायोमेट्रिक नहीं लगा पाई है। दुर्गापुर में अभी तक 30 प्रतिशत कर्मचारियों ने अपना रजिस्ट्रेशन भी नहीं कराया है। बोकारो में कर्मियों को बायोमेट्रिक की ओर आकर्षित करने के लिए विभिन्न प्रकार के अन्य सुविधाएं देने का भी प्रावधान किया गया है। परंतु भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मियों ने प्रबंधन के सभी नियम को पूर्ण सफलता दिया है और जिसका दुष्परिणाम यह हो रहा है कि आज अब संयंत्र कर्मियों को गेट में अपमानित होना पड़ रहा है। और प्रबंधन कर्मियों के हित में किसी प्रकार की कठोर कार्रवाई नहीं कर रहा है जो बहुत ही दुर्भाग्य जनक है।
उन्होंने कहा कि सीआईएसएफ का मूल कार्य प्लांट की सुरक्षा देना एवं चोरियों को रोकना है परंतु सीआईएफ अपने मूल कार्य करने की जगह गेट में कर्मियों के साथ गलत व्यवहार करने में ही उन्हें ज्यादा आनंद आने लगा है। जिस कारण भिलाई इस्पात संयंत्र के अंदर लगातार चोरियां बढ़ रही हैं और चोरों के हौसले इतने बड़े हुए हैं कि अब वह प्लांट के अंदर भी खुलेआम घूमने लगे हैं। जिस पर सीआईएसएफ मौन है।
ज्ञापन सौंपकर कर्मचारियों ने रखी ये मांगें
यूनियन ने मांग रखी की सबसे पहले घटनाक्रम की जांच हो और उक्त सीआईएसएफ कर्मी पर करवाई किया जाए। तथा प्रबंधन यह भी सुनिश्चित करें कि भविष्य में भी इसी प्रकार किसी भी बीएसपी कर्मचारियों के साथ सीआईएसएफ द्वारा किसी प्रकार की बत्तमीजी ना किया जाए। मेन गेट, बोरिया गेट एवं अन्य गेटों में सभी एंगलों से कैमरा लगाया जाए, जिससे किसी भी प्रकार की घटना हो तो उसकी जांच किया जा सके। ड्यूटी जाने के एक घंटे पहले और एक घंटे बाद तक गेट के सामने एवं सड़कों से आवारा पशु हटाया जाए।
इसके साथ ही यह मांग की गई है कि ड्यूटी जाने के एक घंटा पहले एवं बाद में गेट पर आई आर विभाग या कार्मिक के अधिकारी की ड्यूटी लगे।जिससे किसी प्रकार की घटना हो तो कर्मी के पक्ष में भी कोई रहे। बी एस पी प्रबंधन एक नंबर जारी करे जिससे गेट पर सीआईएसएफ द्वारा कर्मियों से विवाद करे तो कर्मी उस नंबर से फोन कर सहायता ले सके।
सीआईएसएफ द्वारा देख लेने की बात बहुत ही गंभीर है, यह कर्मी की सुरक्षा से जुड़ा सवाल है जिसे प्रबंधन गंभीरता से ले। इसके बाद यूनियन ने आई आर विभाग के माध्यम से भिलाई इस्पात संयंत्र के डायरेक्टर इंचार्ज के नाम ज्ञापन प्रबंधन को सौंपा। जिसमें संयंत्र कर्मचारियों से किये जा रहे अपमान पर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की गई है।