BALOD. ग्राम पिरीद से होकर बहने वाले नाले का एक किनारा तेजी से कटते हुए गांव की ओर घुस रहा है। आज की स्थिति में लगभग 10 घर ऐसे हैं जो तट के कटाव के कारण नाले के बिल्कुल मुहाने पर आ गए हैं। इनमें से चार घर तो ऐसे हैं कि यदि इस साल बारिश के पहले रिटर्निंग वॉल नहीं बनी तो यह चारों घर इस बारिश में जल समाधि हो सकते हैं। खास बात यह है कि इस नाले में रिटर्निंग वॉल बनाने का मामला तीन साल से अटका हुआ है। 19 लाख की राशि स्वीकृत होने के बाद भी निर्माण एजेंसी ने बेस डालकर आगे का काम छोड़ दिया है।
बारिश का मौसम आते ही ग्राम पिरीद के लगभग 10 परिवारों की रातें आंखों ही आंखों में कटती है। जब बहुत तेज बारिश हो रही हो तब पूरा परिवार नाले के तेज बहाव की ओर देखते रहते हैं कि न जाने कब इस बहाव में उसके घर का किनारा कट जाए और पूरा घर पानी में डूब जाए, इनकी समस्या को देखते हुए पंचायत के प्रयास से शासन ने रिटर्निंग वॉल बनाने 19 लाख रुपए की स्वीकृति दी, लेकिन निर्माण एजेंसी के ढीला ढाला रवैया के कारण तीन साल बाद भी रिटर्निंग वॉल नहीं बन पाई है।
पीड़ित परिवार बताते हैं कि 2 साल पहले घर और नाले के बीच काफी बड़ी जगह बची थी, तब यदि रिटर्निंग वॉल बन जाती तो कम से कम 10 फीट किनारा घरों से दूर रहता, लेकिन इन दो सालों में किनारा इतना कट चुका है कि अब घर बिल्कुल नाले मुहाने पर पहुंच गया है।
कई बार लगा चुके हैं शासन से गुहार
नाले के कटाव से प्रभावित ग्राम पिरीद के किसान जीवनलाल साहू, लेमेंद्र सिंह साहू, संपत लाल साहू, तोरण लाल साहू, रूप साहू, प्रभु राम साहू, नरेंद्र देशमुख, लेखराम यादव आदि ने बताया कि इस समस्या को लेकर कई बार जिला प्रशासन के समक्ष गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जनदर्शन में कलेक्टर व सीईओ को आवेदन दे चुके हैं, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। इस वर्ष बीच-बीच में भी काफी बारिश हुई है प्रत्येक बारिश में किनारा और कटते जा रहा है।
कुछ पेड़ बचे हैं जिनके सहारे किनारा अभी बचा हुआ है, लेकिन इस बारिश से पहले यदि रिटर्निंग वॉल नहीं बनी तो निश्चित रूप से चार घर पानी में समा जायेंगे। अपनी पीड़ा बताते हुए इन किसानों ने बताया कि 2 साल पहले जब बेस डालने का काम शुरू हुआ तब उम्मीद जगी थी कि उनकी समस्या जल्द दूर हो जाएगी, लेकिन बेस डालने के बाद अचानक काम बंद हो गया और तब से निर्माण एजेंसी नजारद है। अब बारिश सर पर है इसे लेकर फिर चिंता सताने लगी है।
आगे पुल बनने के बाद बढ़ गया और खतरा
ग्रामीणों ने बताया कि पिरिद से पापरा मार्ग पर कुछ साल पहले इसी नाले के ऊपर पुल बनाया गया है। पुल बनाने के बाद पानी का बहाव कुछ रुक जाता है। इसके कारण पानी जाम हो जाता है जो नाले में भरा रहता है इसके चलते किनारे की मिट्टी कटती जा रही है। ग्रामीणों ने यहां तक बताया कि कुछ साल पहले तक नाले और गांव के बीच 20 से 25 फीट की जगह थी जहां से मवेशी भी आना जाना करते थे, लेकिन धीरे-धीरे यह कटते हुए गांव की ओर बढ़ने लगा है।
धरना प्रदर्शन की मानसिकता में ग्रामीण
ग्रामीणों ने बताया कि लगातार ध्यान खींचने के बाद भी अफसरों का ध्यान नहीं है। इसलिए अब वे लोग परिवार सहित धरना प्रदर्शन करने की मानसिकता में हैं। क्योंकि परिवार को बचाने की चिंता सता रही है। इन्होंने पुनः दोहराया कि बारिश के पहले रिटर्निंग वॉल बन जाएगी तो चिंता दूर हो जाएगी।
रिटर्न रिटर्निंग वॉल के लिए राशि स्वीकृत हुई थी तो बन जाना चाहिए था, दिखवाती हूं किस वजह से काम रुका हुआ है।
निखहत सुल्ताना, सीईओ जनपद पंचायत गुंडरदेही