BHILAI. भिलाई में 7 दिसंबर से अंतरराष्ट्रीय नाट्य, संगीत एवं नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। चार दिन चलने वाले इस महामहोत्सव में जाने-माने फिल्म निदेशक अनुराग बसु भी शामिल हो रह हैं। कार्यक्रम की शुरुआत में वे एक्टिंग, सिनेमेटोग्राफी, फिल्म मेकिंग, निर्देशन पर वर्कशॉप लेंगे। इस अवसर पर विभिन्न कला और साहित्य समूह की प्रस्तुतियां भी होंगी।
भिलाई के इंटरनेशनल डांस इन ड्रामा फेस्टिवल में वर्कशॉप लेने पहुंचे अनुराग बसु ने आज का दिन अपनों के बीच बिताया। सेक्टर 5 में अपनी बहन के घर पहुंचे अनुराग बसु ने अपने बचपन के दिनों को खूब याद किया। फिल्म निर्देशक अनुराग बसु ने कहा कि भिलाई आकर उनके अंदर बचपन जिंदा हो जाता है।
उन्होंने कहा कि भिलाई शहर में आते ही उनकी प्लानिंग शुरू हो जाती हैं। इधर रिमझिम बारिश के बीच अनुराग खुद को अपनों से मिलने से नहीं रोक पाए और हमेशा की तरह लग्जरी कार को छोड़ दुपहिया वाहन में ही शहर घूमने निकल पड़े। वहीं इससे पहले मीडिया से खास मुलाकात में उन्होंने फिल्मी करियर को लेकर युवाओं के लिए भी बड़ी बात कही।
उन्होंने कहा जो लोग फिल्मी कॅरियर में आगे बढ़ना चाहते हैं उनके लिए उनका हुनर ही मायने रखता है। किसी संस्था से कुछ नहीं होता। अनुराग ने कहा कि मैं भिलाई आता हूं तो यहां अपने दोस्तों से मिलता हूं। मेरे कुछ तय अड्डे हैं, जहां मैं जाता हूं। अनुराग ने कहा कि मुंबई भिलाई से बहुत लोग जाते हैं और मैं कहीं न कहीं उनके लिए उनका शुभचिंतक भी बन जाता हूं। और जब कोई यहां से जाता है तो बहुत खुशी होती है।
अनुराग बसु ने इस दौरान पूर्व की भूपेश सरकार की तारीफ भी की और कहा कि उनकी सरकार में लोग जाते थे और हमसे बात करते थे फिल्मों की शूटिंग के लिए नए लोकेशन मुहैया कराते थे। ये बहुत अच्छा लगता था, आगे भी फिल्मों को लेकर ये सिलसिला जारी रहना चाहिए मैं नई सरकार से यही उम्मीद करूंगा।
कार्यक्रम का आयोजन कला साहित्य अकादमी छत्तीसगढ़ एवं नॉस्टेलजिया 80 द्वारा किया जा रहा है। रविन्द्र निकेतन कालीबाड़ी हुडको इसमें सहयोग की भूमिका में है। भिलाई इस्पात संयंत्र विशेष सहयोगी की भूमिका में है।
चार दिन, कब क्या कार्यक्रम
पहला दिन, 7 दिसंबर
सुबह नौ बजे से फिल्म निर्देशक और टीवी धारावाहिक निर्माता अनुराग बसु विशेष अतिथि होंगे। वे एक्टिंग, सिनेमेटोग्राफी, फिल्म मेकिंग, निर्देशन आदि विषयों पर वर्कशाप करेंगे। यह कार्यक्रम सुबह 9 बजे से शुरू होगा। इसके बाद शाम 7:30 बजे से पं. दिशारी चक्रबर्ती का संतूर वादन होगा। उनके साथ निशांत सिंह पखावज पर संगत करेंगे।
दूसरा दिन, 8 दिसंबर
दूसरे दिन शाम 7:30 बजे से अमेरिका की एपिक एक्टर्स वर्कशॉप हेगी। इसमें सखाराम बाइंडर नामक नाटक की प्रस्तुति होगी।
तीसरा दिन, 9 दिसंबर
तीसरे दिन शाम 7:30 बजे से कोलकाता की पदार्पण संस्था द्वारा चित्रांगदा नृत्य नाटिका प्रस्तुत की जाएगी। इसी दिन कोलकाता की ही रंगशिल्पी संस्था द्वज्ञरा पंचलाइट नाटक प्रस्तुत किया जाएगा।
चौथा दिन, 10 दिसंबर
कार्यक्रम के अंतिम दिन शाम 6:30 बजे से इप्टा, सूत्रधार, स्वयंसिद्धा, रबीन्द्रसुधा, गीतोविचान, कलानिकेतन, ताल एकेडमी, छन्नो-छड़ा, उड़ोनचोंडी, आरजू, नृत्यधाम, जेएमसी बैंड, दामिनी डांस एकेडमी, रायपुर की जुगन् संस्था द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी। इसके अलावा कलाकारों द्वारा एकल गीत व नृत्य आदि की प्रस्तुतियां होंगी।