BILASPUR.छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अफसरों को हाईवे में अव्यवस्था व खराब हालत के लिए फटकार लगाई है। इतना ही नहीं हाईकोर्ट में एनएचएआई के अधिवक्ता जो पैरवी कर रहे थे उन्हें कहा कि आप रात में गाड़ी उठाकर जाइए तब तो हाईवे की अव्यवस्था व वहां होने वाली समस्या को देख पाएंगे। फिर रिपोर्ट प्राधिकरण के अफसरों को दे। यह सुनवाई हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने की। उन्होंने प्राधिकरण के अफसरो को शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने कहा है।
बता दें, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में नेशनल हाईवे की अव्यवस्था को लेकर जनहित याचिका की सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने हाईवे के अव्यवस्था को लेकर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि कहां तक ये सक काम हम करते रहेंगे। जिनकी जिम्मेदारी है वह काम नही ंकर रहे है। व्यवस्थागत खामियों को सुधारना जरूरी है। कोर्ट ने अधिवक्ता से कहा कि क्या आपने कभी रायपुर नेशनल हाईवे में सफर करने वालों के बारे में सोचा है। कई ऐसी जगह है जहां अगर किसी चीज की जरूरत पड़ जाए तो कुछ मिलने वाला नहीं है। सड़कों पर अंधेरा पसरा रहता है। अंधेरे सड़क में सफर के दौरान किसी को रूकना पड़ जाए तो सोचिए उनकी क्या हालत होगी। सुनसान सड़कों पर दुर्घटना के साथ ही आपराधिक घटनाएं भी बढ़ने की आशंका रहती है।
ट्रैफिक व वाहनों का जमावड़ा क्यो
कोर्ट ने पूछा कि नेशनल हाईवे के किनारे-किनारे भारी वाहनों का जमावड़ा रात के समय रहता है। आखिर वाहन चालकों को वाहन खड़ा करने की अनुमति किसने दी है। यह बहुत लापरवाही है। इस तरह से दुर्घटना को जाने-अनजाने में आमंत्रण दिया जा रहा है। सड़क के किनारे खड़े वाहनों को क्यों नहीं हटाया जाता है ट्रैफिक नियमों का पालन करना किसकी जिम्मेदारी है।
अवैध पार्किंग पर कार्रवाई करे
कोर्ट ने नेशनल हाईवे में हो रहे अवैध पार्किंग पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। वहीं यह भी कहा कि टोल प्लाजा के पास लंबी कतार न लगाए। इसके बजाए उसके आसपास खाली जगहों पर वाहन खड़ा करे। जिससे टोल प्लाजा में लंबी लाइन नहीं लगेगी।
मवेशी को भी हटाने दिए निर्देश
कोर्ट ने मवेशियों का जमावड़ा सड़क पर क्यों रहता है यह कहते हुए भी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि मवेशियों को सड़क से हटाया जाना चाहिए। कई बार मवेशियों के कारण ही दुर्घटनाएं होती है। मवेशियों को हटाने का काम क्यों नहीं किया जा रहा है। इसके लिए पहले ही जिम्मेदारी दे दी गई है। समिति का गठन कर दिया गया है इसके बाद भी लापरवाही क्यों की जा रही है। लोगों के जानमाल की चिंता करनी चाहिए। अफसरों की यह लापरवाही ठीक नहीं है।