RAIPUR. बीते दिनों स्वास्थय कर्मचारियों ने प्रदेश में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की थी। इस हड़ताल को अब समाप्त करने की घोषणा की जा चुकी है। इसके बाद स्वास्थय कर्मचारी अपने काम पर लौट गए हैं। मिली जानकारी के अनुसार, डिप्टी सीएम और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के अश्वासन देने के बाद कर्मचारी हड़ताल खत्म कर काम पर जाने के लिए राजी हो गए है।
स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष ओपी शर्मा ने बताया कि हड़ताल के बाद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव की स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ चर्चा हुई जिसमें पांच सूत्रीय मांगों को लेकर सहमति बनी। स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ चर्चा के बाद डिप्टी सीएम ने गैरआर्थिक मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है साथ ही आर्थिक मांगों पर जल्द निर्णय लिया जाएगा।
जानें किन मांगों को लेकर हुआ प्रदर्शन
– समस्त स्वास्थ्य कर्मचारियों में 1997 के पहले से काम कर रहे अंशकालिक स्वच्छक, एवं चतुर्थ वर्ग कर्मचारी तथा अन्य पद कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करने समिती बनाकर वेतन सुधार/विसंगति निवारण जो कि शासन को प्रस्तावित किया जा चूका है उसे मंजूरी देकर तत्काल लागू किया जाए तथा नर्सिंग ड्रेस घुलाई भत्ता, नाईट ड्यूटी मता, कर्मचारी वर्दी भत्ता, जोखिम भत्ता एवं केंद्र के समान समस्त भत्ते प्रदान किये जाए।
– नियमित भर्तियों के पहले राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, आयुष विभाग, जीवन दीप समिती, डी.एम.एफ. के अंदर आने वाले सभी संविदा एवं अनियमित कर्मचारियों का नियमितीकरण हो उसके बाद ही नियमित भर्ती की जाए। इसके साथ ही सामान्य कार्य पर सामान्य वेतन व सामान्य भत्ते दिए जाए एवं सेवानिवृत्ति की आयु भी 62 वर्ष की जाए।
– समस्त स्वास्थ्य कर्मचारियों को चार स्तरीय वेतन मान दिया जाय तथा एकल पद के तकनीकी पदों हेतु 4 स्तरीय पदोष चैनल बनाया जाए वही स्वास्थ्य कर्मचारियों को पुलिस विभाग की तरह एक वर्ष में 13 माह का वेतन दिया जाए।
– डिप्लोमाधारी स्टाफ नर्स को 03 वेतन वृद्धि एवं डिग्री धारी स्टाफ नर्स को 04 वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाए।
– इसके साथ ही स्टाफ नर्स का पदनाम नर्सिंग ऑफिसर, मिस्टर का पदनाम सीनियर नर्सिंग ऑफिसर, रेडियोग्राफर का पदनाम रेडियोलॉजी रेडियोथेरेपी टेशियम का पदनाम रेडियोधरेपी ऑफिसर, डार्क रूम असिस्टेंट का पदनाम सहायक रेडियोलॉजिक पदनाम फार्मेसी ऑफिसर ड्रेसर का ओर्थोपेडिक टेलिसियन किया जाए।
– रेडियो ग्राफर एवं रेडियो थेरेपी टेकीशियन को मूल वेतन का 10% रेडिएशन भत्ता प्रदान किया जाए।
– समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एकल तकनिकी स्टाफ को डबल किया जाए तथा सभी स्वस्थ्य केंद्रों में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाए।
– वर्तमान में OPD समयावधि 2 पाली में है इससे कर्मचारियों को 2 बार अस्पताल आना जाना पड़ता पाली यानी सुबह कर दी जाए।
– NHM के अंतर्गत कार्यरत CHO, NCD एवं फेमिली प्लानिंग के काउंसलर ऐ.एन.एम. एवं जे.एस.ऐ का प्रारंभिक वेतन 25000 किया जाय तथा NHM कर्मचारियों को गृह ग्राम में स्थानावरण में छूट तथा मानव संसाधन नीती 2018 एवं कर्मचारी भविष्य निधि का लाभ दिया प्रदान किया जाए।
– शासन द्वारा वाहन चालक का वेतन लेवल 04 से बढाकर लेवल 06 किया गया है परन्तु उन्हें मिल नहीं रहा। अतः वेतन 06 प्रदान किया जाए। साथ ही ड्रेसर, स्टोर कीपर कर्मचारियों के लिए वेतनमान का लाभ दिया जाए।
– बिलासपुर जिले में 10 वर्षों से पदस्य 10 लॅब टेकोलॉजिस्ट का स्थानान्तरण आदेश को निरस्त किया जाय।
– सिम्स अस्पताल बिलासपुर के कर्मचारियों की हड़ताल अवधि को कार्य अवधि मानकर उपलब्ध किये जाने वाले अवकाश से जोड़ने का आदेश जारी किया जाए।
– वैक्सीन कोल्ड स्टोरेज में विहित स्टाफ से ही कार्य लिया जाए इसमें फार्मासिस्ट को अलग रखा जाए।
– समस्त कॉलेज व अस्पताल की संचालनालय चिकित्सा शिक्षा स्तर पर लिपिकों की वरिष्ठता सूचि बनाकर पात्रों को पदोप्रति प्रदान की जाए।
– अस्पताल के तृतीय / चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को उनके जिले में 1500 वर्गफीट भूखंड आवंटित कराया जाए और उसकी कीमत को कर्मचारी के वेतन से प्रतिमाह कटौती कर लिया जाये।
– मेडिकल फील्ड में प्रत्येक कार्य के लिए विहित उच्च एवं पदोन्नति का पद निर्मित किया जाए तथा योग्यता के आधार पर नोदन फार्मासिस्ट के रूप में पदस्थापना की जाए।
– स्वास्थ्य मंत्रालय छत्तीसगढ़ शासन के आदेश क्रमांक एफ 5-108/13/ सत्रह / एक दिनांक 16.01.2020 द्वारा ग्रामीण चिकित्सा सहायक (आर. एम. ए.) को स्वास्थ्य विभाग के समस्त कर्मचारियों से उच्च होना लिखा गया है। विभाग में एक वर्ग विशेष को उच्च दर्शाना उचित नहीं है अतः आदेश के बिंदु 07 को हटाया जाए।
– आयुष विभाग में विज्ञापित स्वच्छक पद की वर्तमान भर्ती पर रोक लगाते हुए आयुष विभाग में वर्ष 1997 के पूर्व से कार्यरत अंशकालिक स्वच्कों को पूर्णकालिक दर्जा देते हुए वर्तमान रिक्त पदों पर समायोजित किया जाय।
– भ्रष्ट एवं शासन आदेश का पालन नहीं करने वाले मुख्य चिकित्सा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारीयों को जिनकी शिकायत संघ द्वारा की गयी है को निलंबित किया जाय।
– समय पर वेतन तथा पदोप्रति का लाभ नहीं देने वाले अधिकारीयों पर कड़ी कार्यवाही हो।
– स्वास्थ्य कर्मियों को शासन या किसी भी मानी संस्था से प्रोत्साहन पुरस्कार, विशेष कार्य दक्षता आदि सम्मान प्रमाण पत्र उक्त पद के लिए अयोग्य घोषित कर कर्मचारी सेवा पुस्तिका में दाखिल किया जाए।
-आयुष्मान भारत योजना अंतर्गत प्रोत्साहन राशी एवं कोरोना प्रोत्साहन नियमानुसार वितरित करने आदेश किया जाए।