RAIGARH. छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के रामलीला मैदान में 01 जून से राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन किया गया है. जिसमें रामायण की प्रस्तुति भारत के विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों समेत विदेशी कलाकारों द्वारा किया जा रहा है. कार्यक्रम के तीसरे दिन आज उत्तरप्रदेश, केरल, पश्चिम बंगाल समेत छत्तीसगढ़ के दंतेवाडा जिले के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया है. इन सभी कलाकारों ने अपनी पारंपरिक वेशभूषा में अपनी प्रस्तुति दी है.
शूर्पणखा प्रसंग से रावण वध का जीवंत मंचन
केरल से आई रामायण मण्डली ने दर्शकों को रामकथा की संगीतमय प्रस्तुति दी है. जिसे देखकर दर्शक भावुक हो गए. केरल की रामायण मण्डली द्वारा शूर्पणखा प्रसंग से लेकर रामायण वध तक की कथा का वर्णन भगवान राम की महिमा बताते हुए किया गया है. इस दल के कलाकारों ने रंग बिरंगी पोषक धारण करके कथकली नृत्य द्वारा सुंदर प्रस्तुति दी, जिसने दर्शकों का मन मोह लिया.
अरण्य काण्ड की अद्भुत प्रस्तुति
उत्तरप्रदेश से आए कलाकारों द्वारा अरण्य काण्ड की अद्भुत प्रस्तुति की गई. इस दल की ख़ास बात यह थी कि प्रस्तूती कर रहे सभी पात्र अपनी भाषा में स्वयं संवाद कर रहे थे. जिसने दर्शकों का न सिर्फ ध्यान अपनी ओर खींचा, बल्कि इस जीवंत प्रस्तुति से सभी दर्शक भावुक हो उठे. इनके द्वारा दी गई प्रस्तुति ने छत्तीसगढ़ के रामलीला की याद दर्शकों को दिला दी.
भगवान राम के कोमल पक्षों की प्रस्तुति
पश्चिम बंगाल से आए कलाकारों ने कृतिवास की रामायण की अद्भत प्रस्तुति अपने बंग्ला भाषा में दी है. इस रामायण महोत्सव में न केवल महर्षि वाल्मीकि के रामायण की प्रस्तुति दी जा रही है बल्कि कृतिवास के रामायण की भी प्रस्तुति की गई है. इस रामायण में भगवान राम के कोमल पक्षों को दिखाया गया है. बता दें अरण्य काण्ड में माता सीता के हरण का दृश्य है, जबकि कृतिवास के रामायण में भगवान राम को भावुक दिखाया गया है, इसलिए इस दृश्य को देखकर सभी दर्शक भावुक हो उठे हैं.
महिला सशक्तिकरण की दिखी झलक
छत्तीसगढ़ के वनांचल क्षेत्र दंतेवाड़ा के बचेली से आए रामायण मण्डली ने अपने रोचक अंदाज में प्रस्तुति दिया है. मंच में प्रारंभिक स्तुति महिला कलाकारों ने नृत्य के माध्यम से दी है. इस प्रकार आज महिला सशक्तिकरण की भी झलक देखने को मिली है.