PENDRA. छत्तीसगढ़ में इन दिनों आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकर्ता और सहायिकाएं अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रही हैं. सरकार का ध्यानाकर्षण के लिए वे प्रदर्शन के दौरान अलग-अलग तरीके अपना रही हैं. इसी कड़ी में गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले की कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं ने शुक्रवार को विरोध के लिए अनूठा तरीका अपनाया. किसी ने मां दुर्गा तो किसी ने मां काली और किसी ने महात्मा गांधी का रूप धरकर इस प्रदर्शन में उपस्थिति दर्ज कराई. तब नजारा कौतूहल भरा हो गया था.
गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला समेत प्रदेशभर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं कलेक्टर दर पर वेतन समेत कुल छह मांगों को लेकर पिछले 25 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रही हैं. उनकी अन्य मांगों में शासकीय कर्मचारी घोषित करने तक कलेक्टर दर पर वेतन देने व पदोन्नति जैसी मांगें शामिल हैं.
इसलिए लेना पड़ा रूप
कई महिलाओं के साथ उनके बच्चे भी इस हड़ताल पर बैठे हैं. पदाधिकारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और महिला बाल विकास विभाग के मंत्री अनिला भेड़िया ने अब तक उनकी सुध नहीं ली है. जबकि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान मानदेय वृद्धि और नर्सरी शिक्षक की मान्यता देने का वादा कांग्रेस ने की थी. मांगों को नहीं मानने पर अब वे अलग-अलग तरीके अपना रही हैं, जिसमें सबसे अनूठा प्रदर्शन गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में देखने को मिला और महिलाओं ने मां दुर्गा, काली और गांधीजी का रूप लिया.
जशपुर में 48 घंटे का अल्टीमेटम
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं के आंदोलन में शामिल होने के बाद उन्हें तोड़ने के लिए शासन व प्रशासनिक स्तर पर प्रयास तेज कर दिए गए हैं. इसी के तहत जशपुर जिले में उन्हें 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया है. इसमें कहा गया है कि तय समयसीमा में उन्होंने आंदोलन समाप्त नहीं किया और काम पर नहीं गईं तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाएगा. लेकिन, इससे कार्यकर्ता और भड़क गईं और इसका विरोध उन्होंने वहां आंदोलन स्थल पर ढोल बजाकर किया.