तीरंदाज, डेस्क। देशभर के केन्द्रीय विद्यालयों में अब सांसद व कलेक्टर का कोटा खत्म कर दिया गया है। केन्द्रीय विद्यालय संगठन ने गुरुवार शाम को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। केन्द्रीय विद्यालयों में अब किसी भी सांसद, जिला कलेक्टर व अन्य किसी भी तरह के विशेष प्रावधानों के तहत एडमिशन नहीं दिया जाएगा। केन्द्रीय विद्यालय संगठन ने आदेश जारी कर अगले आदेश तक इस पर रोक लगा दी है।
बता दें केन्द्रीय विद्यालयों में सांसद सहित सभी तरह का कोटा को लेकर लोकसभा में कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने बात रखी थी। उन्होंने कहा था कि या तो सांसदों का कोटा बढ़ाया जाए या इसे पूरी तरह से खत्म कर दिया जाए। यही नहीं कई सांसदों से इसे खत्म करने या कोटा बढ़ाने की मांग की थी। तक लोकसभा अध्यक्ष ने सभी दलों से चर्चा करने की बात कही थी। अब गुरुवार को केन्द्रीय विद्यालय संगठन ने इसे लेकर आदेश जारी कर दिया है।
जानें क्या है केंद्रीय विद्यालय में सांसद कोटा?
जब बात आई है तो यह जानना भी जरूरी है कि आखिर केन्द्रीय विद्यालयों में सांसद या अन्य तरह का कोटा क्या होता है। 1975 में केंद्र सरकार ने केंद्रीय विद्यालयों में विशेष योजना के तहत सांसद कोटा का निर्धारण किया था। इसके तहत लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों के लिए केन्द्रीय विद्यालयों में कोटा निर्धारित किया गया। इसके माध्यम से इनकी सिफारिश पर केन्द्रीय विद्यालयों में एडमिशन होता है।
केन्द्रीय विद्यालयों में सांसद जरूरत के मुताबिक तय सीटों पर अपने क्षेत्र के लोगों का एडमिशन कराते हैं। इस प्रकिया के दौरान सांसद केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और केंद्रीय विद्यालय संगठन को छात्र की पूरी जानकारी कुपन के साथ भेजते हैं। इसके बाद केन्द्रीय विद्यालय संगठन द्वारा आधिकारिक वेबसाइट पर शॉर्टलिस्ट किए गए छात्र का नाम जारी किया जाता है और इसके बाद एडमिशन की प्रक्रिया शुरू होती है। यह सुविधा पहली से नौवीं कक्षा तक के लिए दी जाती है। 10 वीं से 11 वीं के लिए यह सुविधा नहीं मिलती।