भिलाई। इस्पात नगरी में शिल्पियों की अद्भुत कला देखने को मिली। देश के अलग अलग शहरों के शिल्पकार यहां जुटे और अपनी शिल्पकला का प्रदर्शन किया। इस दौरान कलाकरों ने पत्थरों पर एक से बढ़कर एक प्रतिमाएं व कलाकृतियां तराश दी। एक सप्ताह तक चले इस शिल्प कला कार्यशाला में कलाकारों ने गुरुदेव रविन्द्र नाथ टैगोर से लेकर स्वामी विवेकानंद तक की प्रतिमाओं को जीवंत किया।
शिल्प कला को प्रदर्शित करने वाला यह आयोजन सेक्टर-3 स्थित बीएसपी के एमटीटी हॉस्टल में आयोजित किया गया। ललित कला अकादमी, बीएसपी और संस्कार भारती द्वारा यह राष्ट्रीय शिल्पकला कार्यशाला आयोजन किया गया। सात दिवसीय इस आयोजन के दौरान देश के अलग अलग क्षेत्रों से मूर्तिकारों ने अपनी कला को प्रदर्शित किया।
14 प्रदेश से आए कलाकार
राष्ट्रीय शिल्पकला कार्यशाला में 14 प्रदेशों 20 कलाकार पहुंचे। 7 दिवसीय इस आयोजन में पहुंचे देशभर के 20 शिल्पकारों अपनी अद्भुत कला दिखाई। कार्यशाला में लाइमस्टोन को तराश कर इन शिल्पकारों ने महापुरुषों के साथ ही आकर्षक कलाकृतियां भी बनाई। इस दौरान इन शिल्पकारों में 20 कलाकृतियां बनाई। इन कलाकृतियों को देश के पहले अमृत महोत्सव गार्डन में लगाया जाएगा।
प्रतिमाओं ने किया आकर्षित
राष्ट्रीय शिल्पकला कार्यशाला बनी कलाकृतियों ने यहां पहुंचने वाले लोगों को खासा आकर्षित किया। इस दौरान पहुंचने वाले लोगों ने इन कलाकृतियों को देखकर शिल्पकारों की काफी सराहना की। एक ओर जहां इस कार्यशाला में रविन्द्र नाथ टैगोर, विवेकानंद की प्रतिमाएं बनी तो दूसरी ओर छत्तीसगढ़ संस्कृति को प्रदर्शित करती बाइसन की प्रतिमा, महुए के फल, धन के कटोरे से साथ 4 स्तंभ शिक्षा, स्टील, खदान की पत्थरों से बनी कलाकृतियों ने वाहवाही बटोरी।
इन शिल्पकारों ने लिया भाग
राष्ट्रीय शिल्प कला कार्यशाला में नालंदा बिहार से अभिषेक, धर्मशाला से मिथुन कुमार दत्त, बनारस से मदन लाल गुप्ता, मुंबई से शशांक मशेलकर व वैभव मोरे, असम से दीपांकर डेका, त्रिपुरा से संता देव, गुजरात से कृष्णा पांड्या, अरुणाचल प्रदेश से अमल देवनारायण, चेन्नई से के नटराजन व ए थालामुथु, उत्तराखंड के हेमंत, कोंडागांव से मीना देवांगन, अमरकंटक से जयपाल सिंह टेकाम, किल्ले कोड़ा से राजेंद्र कोलीवाडा तथा छत्तीसगढ़ के दीनू पाटा शामिल हुए। इस कार्यशाला में भिलाई के मोहनलाल, मनोज कुर्रे, किशोर शर्मा व मनीषा वर्मा ने भी भाग लिया।