तीरंदाज डेस्क। सरकार ने रिटायर्ड वाइस एडमिरल जी. अशोक कुमार को देश का पहला राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा समन्वयक (National Maritime Security Coordinator) बनाया है। एक जुलाई 1982 में भारतीय नौसेना की एक्जीक्यूटिव शाखा में शामिल हुए अशोक कुमार ने 30 जनवरी 2019 को नौसेना वाइस चीफ का पदभार संभाल था।
39 साल सेवा देने के बाद वह 31 जुलाई 2021 को रिटायर हो गए थे। वह अमरावती नगर के सैनिक स्कूल और पुणे में खड़कवासला स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के पूर्व छात्र हैं। 1989 में कोच्चि में नौवहन और संचालन में विशेषज्ञता हासिल करने के बाद उन्होंने भारतीय नौसेना के जहाजों ब्यास, नीलगिरी, रणवीर और विक्रांत में नौवहन अधिकारी के रूप में काम किया है।
बताते चलें कि मुंबई में 26/11 को हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार द्वारा समुद्री सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए लगातार इस तरह के पद को सृजित करने की बात चल रही थी। इस हमले के 14 साल बाद सराकर ने समुद्री सुरक्षा को भी आखिरकार मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है।
वह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा काउंसिल सचिवालय के समन्वय में काम करेंगे। 2021 के अंत में सरकार ने सुरक्षा मामले से संबंधित कैबिनेट समिति ने इस पद के सृजन संबंधी प्रस्ताव पारित किया था।एनएमएससी समुद्री क्षेत्र में एकजुट नीतियों और योजनाओं को भी सुनिशिचत करेगा, जिसमें प्रौद्योगिकी क्षेत्र भी शामिल है।
बताते चलें कि लंबे समय से देश में यह महसूस किया जाता रहा है कि समुद्री गतिविधियों में शामिल असंख्य अधिकारी, विदेशी मामले, रक्षा, गृह और शिपिंग मंत्रालयों से लेकर नौसेना, तटरक्षक बल, सीमा शुल्क, खुफिया एजेंसियों, बंदरगाह अधिकारियों, राज्य सरकारों और समुद्री पुलिस बलों तक को आपसी तालमेल के साथ काम करने की आवश्यकता है।