गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही। रोजगार की तलाश में रहे युवा नौकरी लग जाने के लालच में लाखों रुपए गंवा बैठे हैं। युवा शासकीय विभाग के एक चपरासी के झंसे में आ गए। यह मामला मरवाही विकासखंड में आदिम जाति कल्याण विभाग का है।
जानकारी अनुसार जहां बालक छात्रावास के भृत्य (चपरासी) ने एक साल के अंदर भोले-भाले लोगों को जिला आदिम जाति विभाग में नौकरी लगवाने का प्रलोभन देकर लाखों की ठगी कर दी है। लोगों की शिकायत पर विभाग के आयुक्त ने भृत्य को निलंबित करते हुए उचित कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन और पुलिस अधीक्षक को प्रतिवेदन भेजा है।
बता दें कि रोजगार की तलाश में पढ़े-लिखे युवा भटक रहे हैं। जहां से भी रोजगार की आस रहती है, जानकारी होती है वे आवेदन लेकर पहुंच जाते हैं। इसके लिए वे मेहनत के साथ ही पैसे भी खर्चते हैं। वहीं माध्यम की भी तलाश में रहते हैं कि थोड़ा लेन-देन कर कहीं नौकरी लग जाए। इसी का लोग गलत फायदा उठाते हैं और जमा कर रखी घर की थोड़ी सी पूंजी भी गंवा बैठते हैं। ऐसा ही यह मामला है।
मामले में जालसाजी के शिकार हुए लोगों के अनुसार, भृत्य श्याम दास वैष्णव ने प्रत्येक बेरोजगारों से लगभग 1-1 लाख रुपए की रकम की वसूली कर 70 से ज्यादा लोगों को लगभग 70 लाख रुपए की उगाही की है। मामला यहीं नहीं थमता दिख रहा है, क्योंकि इस फर्जीवाड़े में विभाग के अन्य लोगों की संलिप्तता भी नजर आ रही है। बताया गया कि फर्जी नौकरी के लिए जारी चतुर्थ श्रेणी चपरासी भर्ती मार्च 2021 निविदा पत्र के लेटर हेड में विभाग का सम्पूर्ण विवरण, ईमेल, पता, स्थान तथा पूर्व सहायक आयुक्त के भी दस्तखत होना मामले को और भी ज्यादा संगीन बना रहे हैं।
इस मामले की शिकायतकर्ताओं ने सहायक आयुक्त, आदिम जाति कल्याण विभाग डॉ. केएन मिश्रा से बाकायदा शपथ पत्र देकर शिकायत दर्ज कराई है। इस पर कार्रवाई करते हुए सहायक आयुक्त ने प्रथम दृष्टया शिकायत को उचित मानते हुए तत्काल प्रभाव से श्यामदास वैष्णव को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही श्यामदास वैष्णव के खिलाफ उचित कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन और पुलिस अधीक्षक को मामले की जांच के लिए प्रतिवेदन भेज है। शिकायत करने वालों में वीरेंद्र कुमार केवट, रवि केवट, प्रतिमा केवट, सुषमा केवट, दुर्गा केवट, नागेश्वर, लोभान सिंह, नीतू सिंह शामिल हैं।
(TNS)