रायपुर। आतंकी फंडिंग का आरोपी इतना शातिर है कि उसने अपने आधा दर्जन से अधिक बैंक खातों की पूरी जानकारी दस्तावेज समेत नष्ट कर दी है। गुप्त सूत्रों की जानकारी अनुसार आरोपी राजू खान को दुर्गापुर पुलिस ने भी कई बार पूछताछ के लिए बुलाया था, मगर वह हर बार बड़ी सफाई से निकल गया। पकड़े जाने के डर से वह दुर्गापुर स्टील प्लांट की नौकरी छोड़कर ड्राई फ्रूट्स बेच रहा था। इधर छत्तीसगढ़ पुलिस उसका पता लगाते दुर्गापुर पहुंच ही गई।
आतंकी फंडिंग का आरोपी राजू खान चंद दिनों पहले रायपुर आया था। यहां वो एक होटल में ठहरा, लेकिन पुलिस की भनक लगते ही वह यहां से फरार हो गया।
कुछ सहयोगियों की हो सकती है गिरफ्तारी
आरोपी को रायपुर पुलिस गिरफ्तार कर छत्तीसगढ़ लाई और आज कोर्ट से उसे दो दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया। इस मामले में अभी और कई खुलासे बाकी हैैं। उम्मीद है कि इसके 3-4 अन्य सहयोगियों को गिरफ्तार किया जा सकता है।
9 साल से फरार था आरोपी
पाकिस्तान से आतंकी फंडिंग मामले में 9 साल से आरोपी राजू खान फरार था। आरोपी को जिला न्यायालय में पेश कर उसे 2 दिनों की न्यायिक रिमांड पर केंद्रीय जेल दाखिल कराया गया है। आरोपी राजू खान को 10 तारीख को बिलासपुर स्थित NIA कोर्ट में पेश किया जाएगा। आरोपी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है।
बैंक अकाउंट के विवरण जांचने में लगी पुलिस
पुलिस अब राजू खान के बैंक एकाउंट की हिस्ट्री समेत कई बिंदुओं पर जांच कर रही है। पाकिस्तान से राजू खान के खाते में कई बार आतंकी फंडिंग की रकम आई। इनमें सर्वाधिक एक बार में 15 लाख और 10 लाख की राशि भी कराची से डाली गई थी। रायपुर पुलिस के उच्च अधिकारी बताते है कि ये आरोपी अपना 10 प्रतिशत से अधिक का कमीशन काटकर सिमी के आतंकियों को पैसा ट्रांसफर कर देता था।
खाते से की गई 50 लाख की फंडिंग
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी राजू खान के खाते में करीब 50 लाख रुपये की फंडिंग की गई। फंडिंग के मामले में रायपुर पुलिस को यह जानकारी राजू खान के खाते की जांच के बाद मिली है।
सिमी के आतंकियों को कोर्ट से पेश करने के बाद ये गायब हो गया
जानकारी के मुताबिक आरोपी राजू खान पिछले दिनों रायपुर आया था। यहां वह एक होटल में रुका, लेकिन जैसे ही उसे ये भनक लगी कि सिमी के आतंकियों को कोर्ट से ब्लॉस्ट के मामले में सजा हुई है और उक्त मामले में रायपुर पुलिस ने भी उसे खोजना शुरू कर दिया है, इस भनक के बाद वह रायपुर से फरार हो गया, लेकिन रायपुर पुलिस की सतर्कता के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया और उससे विस्तृत पूछताछ की गई, जिसके आधार पर आगे की जांच अभी जारी है।
ऐसे खुला था राज
आतंकी फंडिंग के मामले में आरोपित राजू खान को 2018 में रायपुर ईडी ने नोटिस दिया था। खान का मामला वर्ष 2013 में एक ठेले वाले से खुला था। जिला जमुई, बिहार निवासी धीरज साव रायपुर में अंडा-चिकन का ठेला लगाता था, जिसे गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने पाकिस्तान के एक आतंकी के संपर्क में रहने की जानकारी दी थी। वर्तमान में धीरज साव, जुबैर हुसैन, पप्पू मंडल एवं आयशा बानो रायपुर केंद्रीय जेल में 10 वर्ष की सजा काट रहे हैं। इसी मामले में फरार राजू खान के संबंध में जानकारी मिली कि उसका संबंध कश्मीर से है। इसके अलावा वह सिमी और इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े जुबैर हुसैन और आयशा बानो से भी उसका संबंध है। वर्ष 2013 से जब धीरज और अन्य आरोपित पकड़े गए, तब से राजू पहचान छिपाकर अलग-अलग स्थानों में रहने लगा। पकड़े जाने के डर से उसने वर्ष 2016 में दुर्गा स्टील प्लांट से सेवानिवृत्ति ले ली और फरार हो गया। रायपुर पुलिस जब उसे गिरफ्तार करने पहुंची तब वे ड्रायफ्रूट का व्यवसाय करते हुए मिला।
..तो दुर्गापुर पुलिस के भी होश उड़ गए
सूत्र बताते है कि ईडी की नोटिस के मामले में आरोपी कई बार दुर्गापुर पुलिस ने भी पूछताछ के लिए बुलाया गया, लेकिन आरोपी ने इतने शातिर तरीके से पुलिस की पूछताछ में कई बार गया, लेकिन पुलिस को ये भनक तक नहीं लगी कि पूरा मामला आतंकी फंडिंग का है, लेकिन जब रायपुर पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करने पहुंची और दुर्गापुर पुलिस को पूरी जानकारी दी तो पुलिस के भी होश उड़ गए।
आरोपी इतना शातिर है कि उसने अपने आधा दर्जन से बैंक खातों की पूरी जानकारी दस्तावेज समेत नष्ट कर दी है। हालांकि इस मामले में पुलिस कड़ी दर कड़ी सुराग एकत्र कर रही है।
(TNS)